Ajay Jadeja: अचानक विराट कोहली से ज्यादा अमीर कैसे हो गए अजय जडेजा, जानकर चौंक जाएंगे आप
Ajay Jadeja: पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजय जडेजा ने अब न सिर्फ क्रिकेट के मैदान पर बल्कि शाही दरबार में भी अपनी जगह बना ली है. 53 साल की उम्र में उन्हें गुजरात के जमनागर के शाही सिंहासन का वारिस घोषित किया गया है. यह घोषणा दशहरे के अवसर पर 12 अक्टूबर को की गई.
Ajay Jadeja: पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजय जडेजा ने अब न सिर्फ क्रिकेट के मैदान पर बल्कि शाही दरबार में भी अपनी जगह बना ली है. 53 साल की उम्र में उन्हें गुजरात के जमनागर के शाही सिंहासन का वारिस घोषित किया गया है. यह घोषणा दशहरे के अवसर पर 12 अक्टूबर को की गई. इस घोषणा के साथ, अजय जडेजा की संपत्ति में एक जबरदस्त उछाल आया, रिपोर्टों के अनुसार, अब उनकी कुल संपत्ति ₹1,450 करोड़ के पार हो गई है.
विराट कोहली से भी अधिक संपत्ति
अगर यह आंकड़ा सही साबित होता है, तो जडेजा की संपत्ति अब विराट कोहली की संपत्ति (लगभग ₹1,000 करोड़) से भी अधिक हो चुकी है. अब अजय जडेजा भारत के सबसे अमीर खेल हस्ती बन गए हैं.
अजय जडेजा की शाही विरासत
अजय जडेजा के चाचा, महाराजा शत्रुशल्यसिंह जडेजा, ने 12 अक्टूबर को औपचारिक रूप से उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया. शत्रुशल्यसिंह, जो अजय के पिता दौलतसिंहजी के चचेरे भाई हैं. 1971 से 1984 तक संसद सदस्य रह चुके हैं. उनके परिवार की क्रिकेट और शाही विरासत गहरी है. महाराजा शत्रुशल्यसिंह ने 1966 में अपने पिता के निधन के बाद नवानगर की शाही गद्दी संभाली थी. वे स्वयं भी क्रिकेटर रहे हैं और 1966-67 के रणजी ट्रॉफी सीजन में सौराष्ट्र टीम के कप्तान रहे. इसके अलावा, उन्होंने सौराष्ट्र क्रिकेट संघ का भी नेतृत्व किया.
क्रिकेट से शाही परिवार तक का सफर
यह शाही परिवार नवानगर के शासक और क्रिकेट के महानायक रणजीतसिंह जडेजा का वंशज है, जिन्होंने 1907 से 1933 तक नवानगर पर शासन किया. अजय जडेजा केवल धन-संपत्ति ही नहीं बल्कि एक गौरवशाली क्रिकेट और शाही इतिहास का हिस्सा भी हैं.
अजय जडेजा को विरासत में क्रिकेट
अजय जडेजा का जन्म 1 फरवरी 1971 को जामनगर के शाही परिवार में हुआ था. उनके पिता दौलतसिंहजी जडेजा तीन बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और जाम साहब शत्रुशल्यसिंहजी के चचेरे भाई हैं. जडेजा जिस शाही परिवार से ताल्लुक रखते हैं, उसकी क्रिकेट की एक समृद्ध विरासत है. उनके परिवार में क्रिकेट के महान खिलाड़ी के.एस. रणजीतसिंहजी और के.एस. दिलीपसिंहजी शामिल हैं, जिनके नाम पर रणजी ट्रॉफी और दिलीप ट्रॉफी रखी गई हैं.
अगर आप अजय जडेजा के क्रिकेट करियर को भूल गए हों, तो याद दिला दें कि 90 के दशक में वह भारतीय क्रिकेट के खेल में एक निर्णायक भूमिका निभाने वाले खिलाड़ी थे. अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए मशहूर, अजय ने 1992 से 2000 के बीच 15 टेस्ट मैच और 196 वनडे मैच खेले. वनडे में खासकर वह अपनी समझदारी भरी बल्लेबाजी और मैच फिनिश करने की कला के लिए जाने जाते थे. उन्होंने लगभग 6,000 अंतरराष्ट्रीय रन बनाए, जिनमें 6 शतक और 30 अर्धशतक शामिल हैं. अब, उनका नाम न सिर्फ क्रिकेट में ही नहीं बल्कि शाही विरासत में भी दर्ज हो गया है.
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