Sim Swapping Scam News: तकनीक के इस युग में हर कोई अपनी डिटेल मोबाइल फोन या लैपटॉप में रखता है. हर सुविधा ऑनलाइन हो गयी है. इसके कई फायदे हैं, तो भारी नुकसान भी कई बार लोगों को उठाना पड़ता है. या कहें कि यह बेहद खतरनाक भी साबित होता है. यदि बहुत ज्यादा सावधानी नहीं बरती, तो आप मिनटों में कंगाल हो सकते हैं. इसलिए जरूरी है कि हर ऑनलाइन गतिविधि की लगातार निगरानी करते रहें.
वरना जिस स्मार्टफोन ने आपके जीवन को आसान बना दिया है, वह आपको बहुत बड़ी मुश्किल में भी डाल देगा. जी हां, ऑनलाइन फ्रॉड्स और स्कैम्स आजकल बहुत बढ़ गये हैं. लोगों के बैंक अकाउंट खाली करने की ताक में हजारों लोग बैठे हैं. ये साइबर फ्रॉड्स आपकी सूचना लेकर आपके सिस्टम यानी मोबाइल फोन या आपके कम्प्यूटर, लैपटॉप को हैक कर लेते हैं. इसके बाद आपके बैंक अकाउंट से पूरे पैसे उड़ा लेते हैं.
हम और आप जितनी सावधानी बरतते हैं, साइबर क्रिमिनल्स उससे दो कदम आगे की सोचते हैं. यही वजह है कि ये हैकर्स आपकी निजी सूचना चोरी करने के अलग-अलग तरीके ढूंढ़ लेते हैं, क्योंकि उन्हीं सूचनाओं के आधार पर ही वे आपको कंगाल बनाते हैं और खुद मालामाल हो जाते हैं. ये सारी बातें लोगों को मालूम हैं, लेकिन जो साइबर क्राइम के जो नये तरीके सामने आये हैं, उनमें एक है सिम स्वैपिंग स्कैम (SIM Swapping Scam).
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बहुत से लोगों को अकाउंट इस तरीके से खाली हो चुके हैं. इसलिए आपको इस स्कैम से सावधान रहने की जरूरत है. आज हम आपको इस स्कैम के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं. साथ ही आपको यह भी बतायेंगे कि आप कैसे सिम स्वैपिंग स्कैम से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं. बता दें कि यह एक ऐसा स्कैम है, जिसमें यूजर खुद ही फोन नंबर, बैंक डिटेल्स आदि जैसी अपनी सारी निजी जानकारियां हैकर्स को दे देते हैं.
हैकर की कोशिश होती है कि वे भोले-भाले लोगों को फांसकर उसकी सारी जानकारी हासिल करें और सामने वाले के बैंक अकाउंट से सारे पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लें. बहुत ज्यादा मेहनत किये बिना ही ये लोग अपनी कोशिश में सफल भी हो जाते हैं. यानी लोगों की जानकारी लेकर उनका अकाउंट खाली कर देते हैं. इसलिए आपको यह जानना चाहिए कि आखिर सिम स्वैपिंग स्कैम है क्या. इस स्कैम में होता क्या है.
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सिम स्वैपिंग का अर्थ सिम कार्ड की अदला-बदली नहीं है. इस स्कैम में हैकर्स ऐसी कई तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं, जिनकी वजह से आपका सिम कार्ड ब्लॉक हो जाये. अगर आपका सिम ब्लॉक हो गया, तो वे इसका फायदा उठा लेते हैं.
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आपको निशाना बनाने वाले हैकर्स या स्कैमर सबसे पहले आपको कुछ ई-मेल भेजते हैं. ये लोग खतरनाक ऐप्स और वेबसाइट्स आपको भेजते हैं, जिनकी मदद से आपके फोन या कम्प्यूटर में मैलवेयर या वायरस डाल दिया जाता है. इस तरह उन्हें यूजर की बेसिक बैंकिंग डिटेल्स और फोन नंबर आदि मिल जाती है.
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इसके बाद हैकर आपको फोन करेगा. वह खुद को आपके नेटवर्क प्रोवाइडर के ऑफिस का कर्मचारी बतायेगा. फिर आपसे आपके आधार कार्ड, पैन कार्ड, घर का पता, आपकी तस्वीर, आदि की डिमांड करेगा. कई सारे सवाल भी करेगा.
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सारी जानकारी हासिल करने के बाद ये हैकर आपको आपके नेटवर्क प्रोवाइडर की तरफ से एक वन टाइम पासवर्ड यानी ओटीपी (OTP) भेज देगा. जैसे ही आप ओटीपी डाल देंगे, स्कैमर अब नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर से नये सिम कार्ड ले लेता है.
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चूंकि हैकर्स के पास आपकी यानी यूजर की सारी जानकारी उपलब्ध है, बेहद आसानी से वह नया सिम कार्ड हासिल करके उसे एक्टिवेट कर लेता है. इसके साथ ही आपका पुराना सिम डी-एक्टिवेट हो जायेगा.
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अब स्कैमर आपकी बैंकिंग जानकारी का प्रयोग करके पैसों का लेन-देन कर सकता है, क्योंकि एसएमएस और ओटीपी का कंट्रोल भी अब उसके पास है.
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सिम स्वैपिंग स्कैम बेहद खतरनाक है, लेकिन आप खुद को इसका शिकार होने से बचा सकते हैं. खुद को अगर स्कैम से सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो यह निश्चय कर लीजिए कि किसी भी अंजान वेबसाइट के लिंक को क्लिक नहीं करना है.
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अगर आप किसी अनजान मेल को नहीं खोलेंगे और उसका रिप्लाइ नहीं करेंगे, तो आप खुद को सुरक्षित रख सकेंगे. सिर्फ ई-मेल ही नहीं, अनजान ऐप, खासकर थर्ड पार्टी ऐप को भी अपने फोन में डाउनलोड करने से बचें.
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आपके नेटवर्क प्रोवाइडर के नाम से कोई फोन करे और आपकी व्यक्तिगत जानकारी मांगे, तो उस कॉल को बिल्कुल इंटरटेन न करें. यानी सामने वाले को अपनी कोई व्यक्तिगत जानकारी नहीं दें.
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अंतिम और सबसे जरूरी बात यह है कि हर किसी को अपना फोन नंबर न दें. अगर अचानक फोन बंद हो जाये, तो तुरंत अपने सर्विस प्रोवाइडर यानी जिस कंपनी का सिम आपने खरीदा है, मसलन, जियो, एयरटेल, बीएसएनएल, वी को फोन करके तत्काल इसकी सूचना दें और अपने सिम कार्ड को ब्लॉक करवा दें.
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अगर आप इतनी चीजों का ध्यान रखते हैं, तो यकीन मानिए, आपको कोई भी हैकर सिम स्वैपिंग स्कैम का शिकार नहीं बना पायेगा.
Posted By: Mithilesh Jha
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