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फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदने से पहले इन 10 बातों को हमेशा ध्यान में रखें

सही हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदना भी एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है. लिहाजा, इस जिम्मेदारी को निभाने से पहले आपको कुछ बातों पर विचार करना चाहिए. आपकी सुविधा के लिए एक चेकलिस्ट नीचे दी गई है-

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2021 3:37 PM

आपातकालीन परिस्थितियों में इलाज पर होने वाला खर्च आपके परिवार के लिए परेशानी का कारण बन सकता है, और अपने परिवार को ऐसी आर्थिक परेशानियों से बचाना बेहद जरूरी है. इसके लिए आप फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीद सकते हैं. हालांकि, सही हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदना भी एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है. लिहाजा, इस जिम्मेदारी को निभाने से पहले आपको कुछ बातों पर विचार करना चाहिए. आपकी सुविधा के लिए एक चेकलिस्ट नीचे दी गई है-

1. क्या बीमा-राशि आपके पूरे परिवार के कवरेज के लिए पर्याप्त है?

अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से पहले, इस बात का ध्यान रखें कि उस प्लान की बीमा-राशि आपके पूरे परिवार के इलाज से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हो. इसके लिए, सबसे पहले अपने परिवार के सदस्यों की उम्र, पहले से मौजूद बीमारियों (अगर कोई हो) जैसी बातों पर गौर करें. अगर आपके माता-पिता भी आपके फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में शामिल हैं, तो आपको ज्यादा बीमा-राशि की जरूरत पड़ सकती है, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ-साथ इलाज पर होने वाला खर्च भी बढ़ता है.

2. प्रीमियम की राशि की जांच करें

आपको अपनी पॉलिसी जारी रखने के लिए इंश्योरेंस कंपनी को जिस रकम का भुगतान करना पड़ता है, उसे ही प्रीमियम कहते हैं. बीमा-राशि जितनी ज्यादा होगी, प्रीमियम की रकम भी उसी हिसाब से बढ़ जाएगी. इसके अलावा, फैमिली फ्लोटर प्लान में प्रीमियम की रकम परिवार के सबसे बड़े सदस्य की उम्र पर निर्भर होती है. साथ ही, अगर आप ऐड-ऑन खरीदने का मन बनाते हैं, तो इससे भी आपके फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम की रकम बढ़ जाएगी.

3. इंश्योरेंस कंपनी के अस्पताल नेटवर्क कितना बड़ा है

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय, इस बात की जांच अवश्य करें कि पॉलिसी में कुल कितने नेटवर्क अस्पताल शामिल हैं. हमेशा ज्यादा संख्या में नेटवर्क अस्पतालों को बेहतर माना जाता है, क्योंकि आपके लिए कैशलेस तरीके से इलाज का फायदा उठाना अधिक आसान हो जाएगा. नेटवर्क अस्पताल में इलाज कराते समय, आपको सीधे अस्पताल को भुगतान करने की जरूरत नहीं होती है. इसके बजाय, आपकी इंश्योरेंस कंपनी आपके बिलों के भुगतान के लिए सीधे अस्पताल से संपर्क करेगी.

4. हमेशा ध्यान दें कि पॉलिसी में अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्चों को कवर किया गया हो

सबसे सही फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस प्लान वही होता है, जिसमें अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्चों को शामिल किया गया हो. अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद में, आपको कई बार डॉक्टर के पास जाने और कई तरह के टेस्ट कराने की जरूरत पड़ सकती है.

5. क्या डेकेयर ट्रीटमेंट से जुड़ी प्रक्रियाओं को पॉलिसी में कवर किया गया है?

ज्यादातर इंश्योरेंस कंपनियां केवल 24 घंटे से ज्यादा समय तक अस्पताल में भर्ती होने पर ही कवरेज का फायदा देती हैं. लेकिन डायलिसिस जैसी कई तरह की प्रक्रियाओं के लिए मरीज को केवल कुछ घंटों तक ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है. इसलिए, यह देखें कि आपकी पॉलिसी में डेकेयर ट्रीटमेंट से जुड़ी प्रक्रियाओं को कवर किया गया है, या नहीं.

6. एम्बुलेंस पर होने वाले खर्च को कवर किया गया है या नहीं?

आपातकालीन परिस्थितियों में इलाज की जरूरत पड़ने पर, एम्बुलेंस पर काफी पैसे खर्च हो सकते हैं. कई हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां, अपने फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में इस खर्च को भी शामिल करती हैं. इसके अलावा, इस बात की भी अच्छी तरह जांच करें कि इंश्योरेंस कंपनी एयर एम्बुलेंस पर होने वाले खर्च को वापस करेगी या नहीं.

7. क्या हेल्थ इंश्योरेंस में वैकल्पिक उपचार (अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट) पर होने वाले खर्च को शामिल किया गया है?

इन दिनों आयुर्वेद, होम्योपैथी, जैसे वैकल्पिक उपचार (अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट) की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है. कई इंश्योरेंस कंपनियां इस तरह के वैकल्पिक उपचार के लिए इन-पेशेंट केयर से जुड़ी लागतों को कवर करती हैं. किसी भी इंश्योरेंस प्लान को खरीदने का फैसला लेने से पहले, इस बात पर जरूर गौर करें कि आपके प्लान में वैकल्पिक उपचार (अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट) भी शामिल हो.

8. प्रतीक्षा अवधि (वेटिंग पीरियड) कितने दिनों की है?

सामान्य तौर पर इंश्योरेंस कंपनियों की शर्तों में प्रतीक्षा अवधि (वेटिंग पीरियड) को भी शामिल किया जाता है, जिसके बाद मरीजों को पहले से मौजूद बीमारियों के इलाज के खर्च के वहन के साथ-साथ निःशुल्क सालाना चेक-अप, डेंटल इंश्योरेंस, इत्यादि का लाभ मिलता है. आमतौर पर, प्रतीक्षा अवधि (वेटिंग पीरियड) 2 से 5 साल तक होती है. प्रतीक्षा अवधि के दौरान, आप उन बीमारियों पर होने वाले खर्च के लिए दावा नहीं कर पाएंगे. इसलिए, ऐसी फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी चुनें, जिसमें प्रतीक्षा अवधि (वेटिंग पीरियड) कम हो.

9. दावों के निबटान की प्रक्रिया

इंश्योरेंस कंपनी की दावा निबटान प्रक्रिया एकदम सहज एवं परेशानी-मुक्त होनी चाहिए. इंश्योरेंस कंपनी के दावा निबटान अनुपात से इसका अनुमान लगाया जा सकता है. दावा निबटान अनुपात निकालने के लिए, इंश्योरेंस कंपनी के पास दायर किये गए कुल दावों को भुगतान किये गए कुल दावों से विभाजित किया जाता है. जिस इंश्योरेंस कंपनी के दावों के निबटान का प्रतिशत अधिक हो, उसका चयन करने में समझदारी है. ऐसा नहीं करने पर, आपको अपने मेडिकल बिलों पर होने वाले खर्च के पैसे वापस पाने के लिए दर-दर भटकना पड़ सकता है.

10. गौर करें कि प्लान में किन चीजों को कवर नहीं किया गया है

जिस तरह अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के फायदों को समझना जरूरी है, उसी तरह आपको यह भी पता होना चाहिए कि आपके प्लान में किन बीमारियों और चिकित्सा प्रक्रियाओं को शामिल नहीं किया गया है. इसलिए, इंश्योरेंस प्लान खरीदने का फैसला लेने से पहले, समय निकालकर पॉलिसी में शामिल नहीं की गई चीजों की सूची को अच्छी तरह पढ़ें.

इसके अलावा, ध्यान में रखें कि जिस तरह एक साइज की शर्ट सभी को फिट नहीं आ सकती, ठीक उसी तरह बाजार में उपलब्ध एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान सभी के लिए समान रूप से फायदेमंद नहीं हो सकता है. लेकिन आप उचित मूल्य पर ऐड-ऑन खरीदकर बेस प्लान को अपनी जरूरतों के अनुरूप बना सकते हैं. इसलिए, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के लिए बेहतरीन ऐड-ऑन सुविधाओं तथा शानदार ग्राहक देखभाल सेवा प्रदान करने वाली इंश्योरेंस कंपनी का चयन करें.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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