Loading election data...

कोरोना वायरस की वजह से आर्थिक मंदी की ओर अग्रसर अमेरिका

Coronavirus pandemic की वजह से अमेरिका आर्थिक मंदी की ओर अग्रसर हो गया है. वहीं, रेटिंग एजेंसी फिच ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आर्थिक वृद्धि दर को घटा दिया है.

By KumarVishwat Sen | March 20, 2020 5:26 PM
an image

वाशिंगटन : कोरोना वायरस महामारी के चलते अमेरिका मंदी की ओर अग्रसर है, लेकिन भारतीय मूल के एक अमेरिकी वेंचर पूंजीपति का कहना है कि सिलिकॉन वैली सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के विकास को लेकर आशावादी है. इंडियास्पोरा के संस्थापक एमआर रंगास्वामी ने कहा कि कोरोना वायरस संकट 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी की तुलना में अधिक कठिनाइयों भरा है, क्योंकि वायरस को लेकर एक तरह की अनिश्चितता और अदृश्यता की स्थिति है.

सिलिकॉन वैली के वेंचर पूंजीपति और सॉफ्टवेयर सीईओ रंगास्वामी ने बताया कि निश्चित रूप से देश में मंदी का दौर चल रहा है. इसमें कोई शक नहीं. जहां तक प्रौद्योगिकी उद्योग के सीईओ की बात है, वे अभी भी वृद्धि को लेकर काफी आशावादी हैं. उन्होंने कहा कि इस बार लोग यात्रा नहीं कर रहे हैं, विमानन उद्योग थम गया है और लोग होटल में भी नहीं रुक रहे हैं. लोगों को बाहर जाने और कुछ भी करने में बीमार होने का डर है. उन्होंने कहा कि इसलिए इस बार कहीं अधिक असर होगा. इसका दुनिया भर में असर होगा, लेकिन मुझे उम्मीद है कि सुधार भी तेजी से होगा. मान लीजिए, वायरस दो महीनों में खत्म हो गया, उसके बाद तेजी से सुधार हो सकता है.

फिच ने घटायी भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान : उधर, फिच रेटिंग्स ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 5.1 फीसदी कर दिया है. रेटिंग एजेंसी का कहना है कि कोरोना वायरस के प्रकोप से निवेश और निर्यात प्रभावित होगा. इससे पहले फिच ने दिसंबर, 2019 में अनुमान जताया था कि 2020-21 के लिए भारत की विकास दर 5.6 फीसदी और अगले वर्ष 6.5 फीसदी रहेगी.

कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ने के आसार : फिच ने अपने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य 2020 में कहा कि आने वाले सप्ताहों में कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ती रहेगी, लेकिन इसके बहुत अधिक तेजी से फैलाव को रोकने में कामयाबी मिलेगी. इसके बावजूद आर्थिक परिदृश्य नकारात्मक हैं. फिच ने कहा कि आपूर्ति पक्ष से व्यवधानों के चलते व्यावसायिक निवेश और निर्यात पर असर पड़ने की आशंका है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version