Amul Write Letter to PMO: पैक्ड जूस और डेयरी प्रॉडक्ट्स के साथ मिलने वाले प्लास्टिक के स्ट्रॉ पर सरकार एक जुलाई से प्रतिबंध लगाने जा रही है. इस कदम को देखते हुए देश के सबसे बड़े डेयरी समूह अमूल ने सरकार को पत्र लिखा है. अमूल ने सरकार से प्लास्टिक स्ट्रॉ पर लगने वाले प्रतिबंध को कुछ समय के लिए टालने का अनुरोध किया है. अमूल ने कहा है कि सरकार के इस फैसले से दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देश के किसानों और दूध की खपत पर बुरा असर पड़ेगा.
प्रमुख डेयरी कंपनी अमूल ने पर्यावरण मंत्रालय से प्लास्टिक स्ट्रॉ पर प्रतिबंध को एक साल के लिए टालने का अनुरोध किया है. कंपनी ने कहा है कि घरेलू के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी कागज के स्ट्रॉ की कमी है. सरकार का एकल इस्तेमाल प्लास्टिक (प्लास्टिक स्ट्रॉ सहित) पर प्रतिबंध एक जुलाई, 2022 से लागू होगा.
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गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने कहा, हमने एकल इस्तेमाल वाले प्लास्टिक स्ट्रॉ पर प्रस्तावित प्रतिबंध के बारे में पर्यावरण सचिव को पत्र लिखा है. जीसीएमएमएफ अपने दूध और अन्य डेयरी उत्पाद अमूल ब्रांड नाम से बेचती है. सोढ़ी ने बताया, प्लास्टिक स्ट्रॉ हमारे बटर मिल्क और लस्सी के टेट्रा पैक के साथ ही जुड़ा होता है.
अमूल को प्रतिदिन 10 से 12 लाख प्लास्टिक स्ट्रॉ की जरूरत होती है. सोढ़ी ने कहा कि हमने मंत्रालय से आग्रह किया है कि स्थानीय उद्योग को कागज के स्ट्रॉ के उत्पादन की सुविधाएं विकसित करने के लिए एक साल का समय दिया जाए. एक अन्य कंपनी पारले एग्रो ने भी सरकार से इसी तरह का अनुरोध किया है. पारले के लोकप्रिय ब्रांड में ‘फ्रूटी’ और ‘एप्पी’ शामिल हैं. (इनपुट : भाषा)
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