संकट में अनिल अंबानी : रिलायंस कैपिटल की बेची जाएगी संपत्ति, कर्ज भुगतान में हुई थी चूक
कर्ज में डूबे अनिल अंबानी की कंपनी की संपत्ति को बेचने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मीडिया की खबरों के मुताबिक, रिलायंस कैपिटल ने अपनी संपत्तियों के मौद्रिकरण के लिए कदम उठा लिया है. इस पूरी प्रक्रिया के लिए एसबीआई कैपिटल और जेएम फाइनेंस को नियुक्त किया गया है. रिलायंस कैपिटल हाल में डिबेंचर धारकों तथा अन्य ऋणदाताओं को भुगतान में चूक कर चुकी है. रिलायंस कैपिटल की महत्वपूर्ण संपत्तियों में रिलायंस सिक्योरिटीज, रिलायंस हेल्थ और रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी है.
नयी दिल्ली : कर्ज में डूबे अनिल अंबानी की कंपनी की संपत्ति को बेचने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मीडिया की खबरों के मुताबिक, रिलायंस कैपिटल ने अपनी संपत्तियों के मौद्रिकरण के लिए कदम उठा लिया है. इस पूरी प्रक्रिया के लिए एसबीआई कैपिटल और जेएम फाइनेंस को नियुक्त किया गया है.
रिलायंस कैपिटल हाल में डिबेंचर धारकों तथा अन्य ऋणदाताओं को भुगतान में चूक कर चुकी है. रिलायंस कैपिटल की महत्वपूर्ण संपत्तियों में रिलायंस सिक्योरिटीज, रिलायंस हेल्थ और रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी है.
रिलायंस कैपिटल की अन्य संपत्तियों में रिलायंस निप्पन लाइफ इंश्योरेंस है. यह निप्पन लाइफ के साथ 51:49 अनुपात का संयुक्त उद्यम है. इसके अलावा, रिलायंस कैपिटल की रिलायंस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
बाजार सूत्रों ने कहा कि रिलायंस कैपिटल ने संपत्ति को बाजार पर चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस बारे में ट्रस्टी द्वारा इसी सप्ताह रुचि पत्र (ईओआई) जारी किया जाएगा. मतलब ये कि जिन लोगों की संपत्ति खरीदने में दिलचस्पी होगी, उन्हें रुचि पत्र दाखिल करना होगा.
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समाधान आवेदक रिलायंस कैपिटल में नियंत्रक हिस्सेदारी, या व्यक्तिगत संपत्तियों या अन्य संपत्तियों के लिए बोली लगा सकता है. इस बारे में संपर्क करने पर रिलायंस कैपिटल के प्रवक्ता ने टिप्पणी से इनकार किया.
बता दें कि अनिल अंबानी कर्ज में बुरी तरह फंसे हुए हैं. हाल ही में, देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की ओर से दायर एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी को तात्कालिक राहत देते हुए उनके खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया के तहत केस चलाने पर रोक लगाने का आदेश दिया था. यह आदेश अंतिम फैसले के आने तक लागू रहेगा.
दरअसल, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई शाखा ने उनके खिलाफ दिवालिया केस चलाने की मंजूरी दी थी. इसके खिलाफ अनिल अंबानी ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की थी, जहां इस पर रोक लगा दी गयी थी. इसके बाद, एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन अदालत ने भी इस रोक को बरकरार रखा.
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Posted By : Vishwat Sen
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