अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल की दूसरी नीलामी एक बार फिर टली, नई तारीख का ऐलान नहीं
हिंदुजा ग्रुप की कंपनी आईआईएचएल ने पहले 8,110 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, जिसे बाद में उसने संशोधित कर 9,000 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा. हालांकि सूत्रों का कहना है कि दोनों ही बोलीदाता दूसरे दौर की नीलामी में शामिल होने के इच्छुक नहीं हैं.
नई दिल्ली : कर्ज में डुबी अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल (आरसीएल) की मंगलवार को होने वाली दूसरे दौर की नीलामी को कर्जदाताओं ने टाल दिया है. सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) ने आरसीएल के लिए दूसरी ऑनलाइन नीलामी 11 अप्रैल को करने का कार्यक्रम तय किया था, लेकिन फिलहाल इसे टाल दिया गया है. हालांकि, नई तारीख के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है. इससे पहले, पिछले हफ्ते भी दूसरे दौर की नीलामी को 11 अप्रैल तक के लिए टाला गया था.
दिसंबर में हुई थी पहले दौर की नीलामी
सूत्रों के अनुसार, हिंदुजा ग्रुप की कंपनी आईआईएचएल, टॉरेंट इंवेस्टमेंट और सिंगापुर की ओकट्री ने दूसरे दौर की नीलामी में हिस्सा लेने की पुष्टि की है. इससे पहले, रिलायंस कैपिटल की बिक्री के लिए दिसंबर में ऑनलाइन नीलामी हुई थी, जिसमें टॉरेंट इंवेस्टमेंट ने सर्वाधिक बोली लगाई थी. वहीं, दूसरे स्थान पर रही आईआईएचएल ने नीलामी के बाद संशोधित बोली लगा दी, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. भारतीय रिजर्व बैंक ने 29 नवंबर, 2021 को रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को भंग करने के साथ नागेश्वर राव वाई को प्रशासक नियुक्त कर दिया था.
आईआईएचएल ने बोली में किया था संशोधन
मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुजा ग्रुप की कंपनी आईआईएचएल ने पहले 8,110 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, जिसे बाद में उसने संशोधित कर 9,000 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा. हालांकि सूत्रों का कहना है कि दोनों ही बोलीदाता दूसरे दौर की नीलामी में शामिल होने के इच्छुक नहीं हैं. टॉरेंट ने इस बारे में कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) को सूचित कर दिया है. वहीं इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) ने भी 9,000 करोड़ रुपये की अपनी संशोधित बोली वापस लेने की मंशा जताई है. ऐसी स्थिति में 9,500 करोड़ रुपये के आधार मूल्य के साथ दूसरी नीलामी करने की सीओसी की योजना खटाई में पड़ती दिख रही है.
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कॉस्मी फाइनेंशियल और पीरामल ने बयाना वापस मांगा
इस बीच, खबर यह भी कॉस्मी फाइनेंशियल और पीरामल के गठजोड़ ने रिलायंस कैपिटल के प्रशासक को पत्र लिखकर नवंबर में जमा की गई 75-75 करोड़ रुपये की बयाना राशि वापस करने की मांग की है. दोनों कंपनियों ने कहा है कि अब वह कर्ज समाधान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेना चाहती हैं. सूत्रों का कहना है कि गतिरोध दूर करने के लिए कोई सहमति नहीं बनने पर रिलायंस कैपिटल परिसमापन की तरफ बढ़ती हुई नजर आ रही है. अनुमान है कि परिसमापन होने पर कंपनी के कर्जदाताओं को 13,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं.
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