अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए आ सकता है एक और बूस्टर
अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए आ सकता है एक और बूस्टर
नयी दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से पटरी पर लाने के लिए सरकार कुछ कदम उठाने की तैयारी कर रही है, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और पॉलिसी में परिवर्तन विशेष रूप से शामिल है जिससे घरेलू उद्योग को और प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके. इन मामलों से जुड़े सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को प्रत्यक्ष कर सुधारों की दिशा में नयी पहल की घोषणा करते हुए इनमें से कुछ कदमों की जानकारी खुद दे सकते हैं.
सूत्रों ने बताया कि आत्मनिर्भर अभियान के तहत इन कदमों से उद्योग को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया जायेगा. यह नया पैकेज भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत ही होगा.सरकार उठा सकती है ये पांच कदम0 डिमांड और सप्लाई पर फोकस रखते हुए नये उपाय0 इंफ्रास्ट्रक्चर और रक्षा खर्च में बढ़ोतरी0 करदाताओं को ध्यान में रखते हुए कर सुधारों के उपाय0 आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी लाने के लिए पहल0 रोजगार के अवसर विकसित करने पर फोकसअधिकारियों ने बताया, पहले दो कदम से उद्योगों को अच्छा सपोर्ट मिलेगा जबकि इन उपायों का मुख्य उद्देश्य पुनर्निर्माण होगा.
पीएम आज ईमानदार करदाताओं के लिए शुरू करेंगे एक विशेष प्लेटफॉर्मपहल. प्रत्यक्ष कर सुधारों को और आगे बढ़ायेगी सरकारप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को ईमानदारी से कर चुकाने वालों के लिए ‘पारदर्शी कराधान – ईमानदार का सम्मान’ नामक एक मंच का शुभारंभ करेंगे. वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से होने वाले इस आयोजन में केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर भी उपस्थित रहेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री द्वारा जो प्लेटफॉर्म लॉन्च किया जायेगा वह प्रत्यक्ष कर सुधारों को और आगे ले जायेगा.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि आयकर विभाग के अधिकारियों एवं पदाधिकारियों के अलावा विभिन्न वाणिज्य मंडलों, व्यापार संघों एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट संघों के साथ-साथ जाने-माने करदाता भी इस आयोजन में शामिल होंगे. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल के वर्षों में प्रत्यक्ष करों में कई प्रमुख या बड़े कर सुधार लागू किये हैं. पिछले वर्ष कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया गया और नयी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए इस दर को और भी अधिक घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया.
‘लाभांश वितरण कर’ को भी हटा दिया गया. प्रत्यक्ष कर कानूनों के सरलीकरण पर रहा है फोकसबयान में बताया गया कि कर सुधारों के तहत टैक्स की दरों में कमी करने और प्रत्यक्ष कर कानूनों के सरलीकरण पर फोकस रहा है. आयकर विभाग के कामकाज में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए भी सीबीडीटी द्वारा कई पहल की गयी हैं. लंबित कर विवादों का समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से आयकर विभाग ने प्रत्यक्ष कर ‘विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020′ भी प्रस्तुत किया है जिसके तहत वर्तमान में विवादों को निपटाने के लिए घोषणाएं दाखिल की जा रही हैं.
करदाताओं की शिकायतों व मुकदमों में कमी लाने के लिए विभिन्न अपीलीय न्यायालयों में विभागीय अपील दाखिल करने के लिए आरंभिक मौद्रिक सीमाएं बढ़ायी गयी हैं. डिजिटल लेन-देन और भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक मोड या तरीकों को बढ़ावा देने के लिए भी कई उपाय किये गये हैं. आयकर विभाग इन पहलों को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है. बयान के मुताबिक, विभाग ने ‘कोविड काल’ में करदाताओं के लिए रिटर्न दाखिल करने की वैधानिक समयसीमा बढ़ायी गयी है और लिक्विडिटी या नकदी प्रवाह बढ़ाने के लिए तेजी से रिफंड जारी किये गये हैं.-
Post by : Pritish Sahay
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.