Loading election data...

Apple in India: iPhone बनाने वाली कंपनी एप्पल, भारत में बनाने वाली है 78 हजार घर, जानें क्या है कंपनी का प्लान

Apple in India: एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एप्पल के विभिन्न उत्पादों का निर्माण शुरू होने से करीब 1.5 लाख लोगों को नौकरी मिली है. अब बताया जा रहा है कि एप्पल इकोसिस्टम जल्द ही चीन और वियतनाम की तर्ज पर इंडस्ट्रियल हाउसिंग पर काम करने की तैयारी कर रही है. ये सभी घर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल पर बनाये जाएंगे.

By Madhuresh Narayan | April 8, 2024 2:54 PM

Apple in India: भारत में एप्पल के द्वारा विभिन्न उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग की जा रही है. एक रिपोर्ट के अनुसार, इसके कारण सीधे रुप से 2.5 सालों में करीब 1.5 लाख लोगों को नौकरी मिली है. अब बताया जा रहा है कि कंपनी के द्वारा हजारों की संख्या में घर बनाया जा रहा है. ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल इकोसिस्टम जल्द ही चीन और वियतनाम की तर्ज पर इंडस्ट्रियल हाउसिंग पर काम करने की तैयारी कर रही है. फॉक्सकॉन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, सैलकॉम्प समेत एप्पल अपने-अपने कर्मचारियों के लिए घर बनाने की योजना बना रहे हैं. बताया जा रहा है कि ये सभी घर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल पर बनाये जाएंगे.

तमिलनाडु में बनेंगे 58 हजार घर

रिपोर्ट के अनुसार, पूरे देश में 78 हजार घर बनाने की योजना है. इसमें सबसे ज्यादा घर तमिलनाडु में बनने वाला है. वहां अकेले 58 हजार घर बनने वाले हैं. ज्यादातर घरों का निर्माण स्टेट इंडस्ट्रीज प्रमोशन कॉरपोरेशन ऑफ तमिलनाडु के द्वारा किया जा रहा है. इसके अलावा टाटा ग्रुप और एसपीआर इंडिया भी घरों का निर्माण करने वाली है. बता दें कि भारत से पहले चीन और वियतनाम में भी ऐसा देखा गया था कि एप्पल ने मैन्युफैक्चरिंग शुरु करने के बाद वहां इंडस्ट्रियल हाउसिंग बनाया था.

Also Read: दो रुपये वाले स्टॉक ने निवेशकों को बनाया मालामाल, सालभर में 481% उछला भाव, पैसा लगाने से पहले जानें डिटेल

केंद्र सरकार भी करेगी मदद

एप्पल के द्वारा बनाये जा रहे घरों में 10 से 15 प्रतिशत की लागत केंद्र सरकार के द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी. इसके बाद की लागत राज्य सरकार और कंपनी के द्वारा वहन किया जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि इसी साल घरों का निर्माण शुरु हो सकता है. इससे एप्पल के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स के साथ काम कर रहे हजारों माइग्रेंट वर्कर्स को बड़ी मदद मिलेगी. कंपनी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि कर्मचारी आवास पहल का उद्देश्य दक्षता बढ़ाना और सुरक्षा प्रदान करना है. इसका सबसे ज्यादा लाभ प्रवासी महिला कर्मचारियों को होगा अधिकांश जिनकी 19-24 आयु हैं. वर्तमान में, अधिकांश कर्मचारी किराए के आवास में रहते हैं और कारखानों तक पहुंचने के लिए लंबी बस यात्रा करनी पड़ती है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version