शिमला : भारत में भूटान से इस बार आसानी से सेब नहीं आ पायेंगे. केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने भूटान से सेब के आयात पर सख्ती कर दी है. सरकार को पता चला है कि भूटान के सेबों में एक खास तरह का कीट बाइटरस टोमेंटोसस और मारसेानिना कोरोनेरिया (फंगस) लग रहा है.
सरकार ने साफ निर्देश दिया है इस बीमारी से मुक्त होने पर ही भूटान से सेबों को भारत लाया जा सकेगा. सेब का कारोबार करनेवाली भूटान की एजेंसी को सेब के रोगमुक्त होने का प्रमाण पत्र भी देना होगा. सरकार के इस फैसले से हिमाचल के बागवान काफी खुश हैं.
कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड से पूरे भारत में सेब की आपूर्ति होती है. पर्याप्त उत्पादन नहीं होने के कारण ईरान, अफगानिस्तान, भूटान आदि देशों से सेब भारत मंगवाया जाता है. कुछ समय पहले तक चीन से भारी मात्रा में सेब भारत आता था. यहां की मंडियां चीन के सेब से अटी रहती थी.
चीन ने भारत में कीटयुक्त सेब भेजने शुरू कर दिये. इसके बाद सरकार ने चीन के सेबों को प्रतिबंधित कर दिया. इसके बाद भूटान के रास्ते कई बार ईरान, तुर्की और चीन का सेब भारत पहुंच जाता था.
चीन के सेब को भूटान अपना बताकर भारत में भेज दे रहा था. इससे हिमाचल, उत्तराखंड समेत तमाम क्षेत्रों में कीट और रोग फैलने की आशंका थी. इसी कारण भूटान से सेब मंगवाने पर सरकार ने सख्ती की है. इससे पहाड़ी राज्यों के सेब उत्पादकों को दोतरफा लाभ होगा.
भूटान पर नयी बंदिशों से कीट लगा सेब भारत नहीं आ पायेगा एवं चीन भी भूटान के रास्ते अपना सेब भारत नहीं भेज सकेगा. बागवान कुनाल सिंह चौहान का कहना है कि भूटान में सेब का उत्पादन ज्यादा नहीं है. वहां के रास्ते ईरान, तुर्की और चीन का सेब भारत आता है.
सार्क देश होने के कारण भूटान से सेब आने पर आयात शुल्क नहीं लगता है. जबकि, ईरान, तुर्की आदि से सेब भारत आयेगा, तो आयात शुल्क लगेगा. सरकार का यह कदम सराहनीय है. इससे कीटयुक्त भूटान और चीन का सेब भारत नहीं आ पायेगा और स्थानीय बागवानों को भी बाजार में अच्छे दाम मिल सकेंगे.
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