Apple : भारतीय बाजार एप्पल के लिए शानदार साबित हो रहा है, इतना ज्यादा कि इसने बड़ी-बड़ी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है. भारत में आईफोन बनाना शुरू करके एप्पल को बहुत फायदा मिल रहा है. ईटी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत में एप्पल का कारोबार 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया. पिछले महीने बजट से पहले शेयर की गई आर्थिक समीक्षा में बताया गया था कि किसी भी अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनी की तुलना में भारत में एप्पल का इकोसिस्टम सबसे बड़ा है. पिछले साल एप्पल ने भारत से 1.35 लाख करोड़ रुपये के आईफोन निर्यात किए, जिससे वे उस दौरान ब्रांडों में शीर्ष निर्यातक बन गए. भारत में एप्पल की बिक्री 68 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जिस कारण कुल बिक्री और निर्यात 2.03 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया.
इस कारण Apple को हुआ फायदा
Apple कुछ समय से भारत में है, पर पिछले कुछ सालों में ही इसने ढंग से तरक्की की है. इसका श्रेय कंपनी का चीन से अपना अधिकांश विनिर्माण भारत में स्थानांतरित करने को जाता है. Apple ने 2016 में ही भारत सरकार से विनिर्माण के बारे में बात करना शुरू कर दिया था और 2019 तक सरकार Samsung और Apple सहित विभिन्न कंपनियों के साथ योजनाओं पर चर्चा कर रही थी. 2020 में, सरकार ने स्मार्टफोन के लिए उत्पादन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना शुरू की और Apple ने इस कार्यक्रम से सबसे ज्यादा फायदा उठाया है.
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इन कंपनियों से ज्यादा है मार्केट कैप
पिछले चार सालों में भारत में एप्पल का कारोबार वाकई तेजी से बढ़ा है. आपको एक अंदाजा देने के लिए बता दें कि एक बड़ी सरकारी कंपनी गेल का मार्केट कैप 1.5 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा ज्यादा है. टाटा समूह की टाटा स्टील का मार्केट कैप 1.87 लाख करोड़ रुपये है और मेटल और माइनिंग की प्रमुख कंपनी वेदांता का मार्केट कैप 1.67 लाख करोड़ रुपये है. जब आप मार्केट कैप के आंकड़ों पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि भारत में सिर्फ 46 कंपनियां हैं जिनका मार्केट कैप 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है.
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