एशियाई विकास बैंक से मिली भारत के लिए खुशखबरी, चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत वृद्धि दर रहने का अनुमान

Indian Economy Growth Outlook: एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.4 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष के लिए 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा. साथ ही, कहा है कि मजबूत घरेलू मांग से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को उबरने में मदद मिलेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2023 10:16 AM

Indian Economy Growth Outlook: चालू वित्त वर्ष 2023-24 में भारत के लिए एक अच्छी खबर है. भारतीय इकनॉमी की रफ्तार में फिलहाल किसी तरह के बदलाव होने की संभावना नहीं दिख रही है. एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank) ने इसके लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. बैंक ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.4 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष के लिए 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. साथ ही, अनुमान लगाया है कि मजबूत घरेलू मांग से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को उबरने में मदद मिलेगी. अप्रैल में भी बैंक के द्वारा अनुमान लगाया गया था कि सख्त मौद्रिक स्थितियों और तेल की ऊंची कीमतों के कारण चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर घटकर 6.4 फीसदी रहने की उम्मीद है.

पिछले वित्त वर्ष में 7.2 की थी रफ्तार

बता दें कि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ी थी. एडीबी ने ‘एशियन डेवल्पमेंट आउटलुक’ में जानकारी देते हुए बताया कि ईंधन और खाद्य कीमतें घटने के कारण मुद्रास्फीति में गिरावट जारी रहने की उम्मीद है, जो वैश्विक महामारी से पहले के स्तर के करीब पहुंच जाएगी. उसने एशिया की विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए मुद्रास्फीति इस वर्ष 3.6 प्रतिशत और 2024 में 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री अल्बर्ट पार्क ने कहा कि एशिया और प्रशांत क्षेत्र लगातार महामारी से उबर रहे हैं. एडीबी ने अप्रैल में अनुमान लगाया था कि सख्त मौद्रिक स्थितियों और तेल की ऊंची कीमतों के कारण चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर घटकर 6.4 प्रतिशत रहेगी.

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महंगाई में गिरावट की है आस

एशियाई विकास बैंक (ADB) ने बताया है कि चालू वित्त वर्ष में उम्मीद जतायी है कि एशियाई देशों में महंगाई की बढ़ती रफ्तार में आगे भी गिरावट जारी रहने के आसार है. इसके साथ ही, बैंक ने अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत का वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रखा है. बैंक ने अनुमान लगाया है कि कच्चे तेल के दाम में गिरावट जारी है. ऐसे में महंगाई का दर इस वित्त वर्ष में कोरोना के पहले के वैश्विक महंगाई दर के बराबर आ सकता है. अर्थशास्त्री अल्बर्ट पार्क का कहना है कि भारत की घरेलू मांग और सर्विस सेक्टर की गतिविधियां तेजी से विकास को रफ्तार दे रही हैं. इसके साथ ही, कई अन्य देशों ने पर्यटन में मजबूत सुधार से भी अर्थव्यवस्था में बड़ा फायदा मिल रहा है. बैंक का मानना है कि कमजोर निर्यात परेशानी का कारण बना हुआ है. ऐसे में अगले साल वैश्विक विकास और मांग को लेकर स्थिति खराब दिख रही है.

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2030 तक भारत बनेगा तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी

अडाणी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडाणी ने मंगलवार को आयोजित कंपनी की एजीएम में दावा किया कि भारत जो पहले से ही दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, 2030 से पहले दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनकर दुनिया के सामने उभरेगा. वहीं, 2050 तक भारत दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. गौतम अडाणी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ी भविष्यवाणी करते हुए कहा कि 2050 तक भारत विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा. उन्होंने कहा कि मेरा अनुमान है कि अगले दशक में भारत हर 18 महीने में अपनी GDP में एक ट्रिलियन डॉलर जोड़ना शुरू कर देगा.

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कच्चे तेल के भाव में दिखी तेजी

बैंक के अनुमान के बीच बताया जा रहा है कि मंगलवार को मजबूत मांग के कारण कच्चे तेल की कीमत 18 रुपये की तेजी के साथ 6,106 रुपये प्रति बैरल हो गयी. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में कच्चे तेल का जुलाई माह में डिलिवरी होने वाला अनुबंध 18 रुपये या 0.3 प्रतिशत की तेजी के साथ 6,106 रुपये प्रति बैरल हो गया. इसमें 1,173 लॉट के लिए कारोबार हुआ. बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारियों द्वारा अपने सौदों का आकार बढ़ाने से कच्चा तेल वायदा कीमतों में तेजी आई. वैश्विक स्तर पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल 0.30 प्रतिशत की तेजी के साथ 74.37 डॉलर प्रति बैरल हो गया जबकि ब्रेंट क्रूड का दाम 0.13 प्रतिशत की तेजी दर्शाता 78.60 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था.

(इनपुट- भाषा)

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