असम की हिमंत सरकार ने 2023-24 के लिए घाटे का बजट किया पेश, 40 हजार नई नौकरियां

वित्त मंत्री ने कहा कि 2023-24 में कुल प्राप्तियां 3,21,742.71 करोड़ रुपये और कुल व्यय 3,21,081.75 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. 1,80,298.83 करोड़ रुपये की प्राप्तियों को सार्वजनिक खाते में जोड़ने और 2,000 करोड़ रुपये आकस्मिक कोष में जोडने पर समग्र प्राप्तियां 3,21,742.71 करोड़ रुपये हो जाती हैं.

By Agency | March 16, 2023 4:12 PM

गुवाहाटी : असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए गुरुवार को 3.22 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया. बजट में छोटे कारोबारियों और उद्यमियों को बढ़ावा देने और विभिन्न विभागों में नई भर्तियां करने के लिए कोष की घोषणा की गई है. वित्त मंत्री अजंता नियोग ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि राज्य सरकार दो लाख से अधिक बेरोजगार युवाओं को रोजगार सृजन करने वालों में बदलने के लिए 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 5.5 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो 2021-22 में 3.93 लाख करोड़ रुपये था.

वित्त मंत्री अजंता नियोग ने कहा कि 2023-24 में कुल प्राप्तियां 3,21,742.71 करोड़ रुपये और कुल व्यय 3,21,081.75 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि 1,80,298.83 करोड़ रुपये की प्राप्तियों को सार्वजनिक खाते में जोड़ने और 2,000 करोड़ रुपये आकस्मिक कोष में जोडने पर समग्र प्राप्तियां 3,21,742.71 करोड़ रुपये हो जाती हैं.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, सार्वजनिक खाते से 1,79,326.48 रुपये के व्यय और आकस्मिकता निधि से 2,000 करोड़ रुपये के व्यय से समग्र व्यय 3,21,081.75 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. इस तरह कुल अधिशेष 660.96 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. यह, 1,596.19 करोड़ रुपये के शुरुआती घाटे के साथ मिलकर वर्ष 2023-24 के अंत में 935.23 करोड़ रुपये के बजट घाटे की ओर ले जाएगा.

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इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि असम के सकल घरेलू उत्पाद के अगले वित्त वर्ष के दौरान बढ़कर 5.5 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. 2021-22 के दौरान यह 3.93 लाख करोड़ रुपये था. उन्होंने कहा कि हिमंत बिस्वा सरमा की अगुवाई वाली सरकार के 10 मई को दो साल पूरे होने के मौके तक 40,000 युवाओं की विभिन्न विभागों में भर्तियां की जाएंगी, जो एक लाख सरकारी नौकरियां देने के भाजपा के चुनावी वादे के अनुरूप कदम है.

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