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एसोचैम ने कहा, छोटे उल्लंघन को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने पर सुधरेगी कारोबारी धारणा

उद्योग मंडल एसोचैम का मानना है कि सरकार द्वारा मामूली या छोटे उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का प्रस्ताव कोविड-19 संकट के मद्देनजर एक अनुकूल रणनीतिक है और इससे देश में कारोबारी धारणा को सुधारने में मदद मिलेगी. इससे पहले इसी सप्ताह वित्त मंत्रालय ने छोटे ‘अपराधों' मसलन चेक बाउंस या कर्ज भुगतान में विलंब को 19 कानूनों में अपराध के दायरे से बाहर करने का प्रस्ताव किया.

नयी दिल्ली : उद्योग मंडल एसोचैम का मानना है कि सरकार द्वारा मामूली या छोटे उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का प्रस्ताव कोविड-19 संकट के मद्देनजर एक अनुकूल रणनीतिक है और इससे देश में कारोबारी धारणा को सुधारने में मदद मिलेगी. इससे पहले इसी सप्ताह वित्त मंत्रालय ने छोटे ‘अपराधों’ मसलन चेक बाउंस या कर्ज भुगतान में विलंब को 19 कानूनों में अपराध के दायरे से बाहर करने का प्रस्ताव किया.

एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने शुक्रवार को बयान में कहा, ‘‘वित्त मंत्रालय की छोटे उल्लंघनों के लिए यह पहल कोविड-19 के मद्देनजर एक उचित प्रतिक्रिया है. इससे कारोबारी धारणा सुधारने में मदद मिलेगी. इस तरह के उल्लंघन बिना किसी गलत मंशा के होते हैं. कई बार विभिन्न कानूनों के तहत लंबी प्रक्रियाओ को पूरा करने में इस तरह के उल्लंघन हो जाते हैं.” उन्होंने कहा कि चैंबर वित्त मंत्रालय के मामूली कॉरपोरेट उल्लंघनों को अपराध के दायरे से बाहर करने के प्रस्तावों पर अपने सदस्यों ओर विभिन्न क्षेत्रों की राष्ट्रीय परिषदों से चर्चा करेगा.

सूद ने कहा कि इस महामारी की वजह से सुधार उपायों को लेकर जो तेजी दिखाई गई है, ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि इस बारे में अंशधारकों के साथ विचार-विमर्श की प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाएगी और कानून में संशोधनों को जल्द लागू किया जा सकेगा . उन्होंने कहा कि सरकार को आत्म-निर्भर भारत अभियान के तहत घोषित उपायों को तेजी से लागू करने के कदम उठाने चाहिए. हालांकि, कृषि क्षेत्र से संबंधित सुधारों को लागू करने में तेजी दिखाई गई है. कुछ सुधारों को अध्यादेश लाकर लागू किया गया है.

Posted By- Pankaj Kumar Pathak

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