Airfare Price Hike: त्योहारी सीजन शुरू होने से पहले ही आमलोगों पर महंगाई की बड़ी मार पड़ी है. त्योहारों के दौरान बड़ी संख्या में लोग अपने परिवार के लोगों घर जानें के लिए हवाई यात्रा करते हैं. मगर, इस त्योहार हवाई यात्रा करने पर उनकी बड़ी जेब कटेगी. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) ने आमलोगों को तगड़ा झटका दिया है. कंपनियों ने Aviation turbine fuel (ATF) यानी हवाई ईंधन का दाम बढ़ा दिया है. आज से राजधानी दिल्ली में एटीएफ कीमत 1,18,199.17 रुपये प्रति किलो लीटर होगी. कंपनियों के द्वारा दिल्ली में एटीएफ के कीमतों में करीब 5500 रुपये प्रति किलो लीटर यानी 5.50 प्रतिशत की बड़ी बढ़ोत्तरी की गयी है. इससे पहले सितंबर में दिल्ली में ATF की कीमत 1.12 लाख प्रति लीटर थी. हवाई जहाज के ईंधन की कीमतों में बढ़ोत्तरी कच्चे तेल में लगातार हो रहे बढ़ोत्तरी के बाद लिया गया है. हालांकि, इसका सीधा असर विमान सेवा और हवाई किराया पर पड़ने वाला है. समझा जा रहा है कि इसके बाद, सभी विमानों के किराये में करीब 5 से 10 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है. कंपनियों के तरफ से जानकारी दी गयी है कि बढ़ी हुई कीमतें 1 अक्टूबर 2023 से लागू हो गयी हैं.
मेट्रो शहरों में ATF के दाम
कोलकाता- 1,26,697.08 रुपये प्रति किलोलीटर
मुंबई- 1,10,592.31 रुपये प्रति किलोलीटर
चेन्नई- 1,22,423.92 रुपये प्रति किलोलीटर
दशहरा-दीवाली की बुकिंग पर पड़ेगा असर
हवाई ईंधन की कीमतों में बढ़ोत्तरी होने से किराया सीधे रुप से प्रभावित होने वाला है. जिसका सीधा असर, अक्टूबर-नवंबर में होने वाली बुकिंग पर पड़ने वाली है. अक्टूबर के महीने में दशहरा है. जबकि, नवंबर के महीने में दीवाली और छठ पूजा होने वाली है. छठ पूजा पर बिहार और उत्तर प्रदेश समेत झारखंड में हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है. मगर, हवाई ईंधन की कीमत बढ़ने से किराया सीधे रुप से बढ़ गया है. ट्रैवल एजेंसी संचालक सोनी मेहता बताती हैं कि दशहरा, दीवाली और छठ पूजा में घर आने के लिए जिन लोगों ने पहले प्लानिंग कर ली थी, उन्होंने अभी तक टिकट की बुकिंग करा ली है. मगर, जो लग बच गए थे, उन्हें बढ़े किराये के साथ यात्रा करना पड़ेगा. कल से आज तक में करीब 10 प्रतिशत हवाई किराया में वृद्धि हुई है. हालांकि, कुछ रुट पर किराये में मामूली बढ़त देखने को मिली है. इससे पहले सितंबर के महीने में भी हवाई ईंधन की कीमतों में वृद्धि देखने को मिली थी. जुलाई से लेकर अब तक कच्चे तेल के दाम में 30 फीसदी और सितंबर में अकेले कीमत में 15 फीसदी की जबरदस्त बढ़त देखी गई है. ऐसे में इसका असर हवाई ईंधन और किराये पर दिखाना पहले से तय था.
पीएनजी और सीएनजी की कीमतें भी बढ़ी
केंद्र सरकार के 30 सितंबर को एक नोटिफिकेशन जारी करके, घरेलू प्राकृतिक गैस की संशोधित कीमतें 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक लागू होंगी. जारी अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार ने शनिवार को घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमतें 8.60 डॉलर प्रति मीट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) से बढ़ाकर 9.20 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कर दी हैं. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय. नई दरें रविवार, 1 अक्टूबर से लागू होंगी. संशोधित कीमतें 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच लागू होंगी. केंद्र ने लगातार दूसरे महीने घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमतों में बढ़ोतरी की है. सितंबर में प्रति एमएमबीटीयू कीमत 7.85 डॉलर से बढ़ाकर 8.60 डॉलर कर दी गई थी. इस मूल्य संशोधन से उपभोक्ताओं पर असर पड़ने की उम्मीद है, क्योंकि गैस वितरण कंपनियां संपीड़ित प्राकृतिक गैस (CNG) और पाइप्ड प्राकृतिक गैस (PNG) की कीमतें बढ़ा सकती हैं. बड़ी बात है कि घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमतों में लगातार दूसरे महीने इजाफा हुआ है.
भारत में हवाई ईंधन की कीमत किन चीजों से प्रभावित होती हैं
भारत में हवाई ईंधन की कीमत सरकार और अन्य उद्योगिक संगठनों द्वारा निर्धारित की जाती है. भारत में तेल और इसके उत्पादों की बाजार मूल्य विभिन्न पेट्रोलियम कंपनियों और उनके वितरकों द्वारा निर्धारित होता है, और इसे सरकारी निर्देशन और नीतियों के अनुसार बदला जाता है. इसके अलावा इन बातों पर भी कीमत निर्भर करती है.
अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति: विश्वभर में तेल और इसके उत्पादों की मांग और आपूर्ति के कारण मूल तेल की मूल्य में परिवर्तन हो सकता है.
सरकारी नीतियां और करेंसी मूल्य: सरकार तेल उत्पादों पर विभिन्न कर और शुल्क लगा सकती है, जो की कीमतों पर सीधा प्रभाव डालते हैं.
उत्पादन और आपूर्ति: अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल उत्पादों की उत्पादन और आपूर्ति की स्थिति पर निर्भर कर सकती है.
अंतरराष्ट्रीय घटनाएं: उदाहरण के लिए, विभिन्न राष्ट्रों के बीच संघर्ष या संधि के कारण कीमतों में परिवर्तन हो सकता है.
महंगाई दर (Inflation): उच्च महंगाई दर के कारण तेल उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं.
मुद्रा रूपांतरण दरें: यदि भारतीय रुपया विदेशी मुद्राओं के साथ मुकाबला करता है, तो तेल की मूल्यों पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ सकता है.
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