कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा असर अर्थव्यस्था पर पड़ा है. कई कंपनियों को नुकसान हुआ नौकरी गयी तो पीएफ अकाउंट में भी पैसा जाना बंद हो गया. सरकार ने शर्तों के साथ नौकरी गंवाने वाले लोगों के खाते में दो साल तक पीएफ का पैसा जमा करने की योजना बनायी थी ताकि नौकरी मिलने तक उसका पीएफ अकाउंट चलता रहे . सरकार के इस योजना की अंतिम तारीफ 30 जून को थी और अब यह योजना बंद हो रही थी लेकिन सरकार ने एक बार फिर इसकी मियाद बढ़ाने पर फैसला ले सकती है
सरकार सूत्रों की मानें तो जल्द ही सरकार फैसला ले सकती है कि संगठित क्षेत्र में काम वाले कर्मचारियों के खाते में मार्च 2022 तक पैसा जमा करती रहे. कर्मचारी और नियोक्ता की ओर से दो साल तक अंशदान करे. इस योजना को 31 मार्च 2022 तक बढ़ाया जा सकता है.
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सरकार इस योजना के जरिये कंपनियों पर दबाव कम करना चाहती थी अगर कंपनियों पर भविष्य निधि में पैसा जमा करने का बोझ कम रहेगा तो वह और कर्मचारियों की नियुक्ति कर सकती है इस योजना के तहत अब अक्तूबर, 2020 से 30 जून, 2021 तक नियुक्त कर्मी आएंगे. इसमें कर्मचारी के वेतन का कुल 24% पीएफ अंशदान होगा जो सरकार देती है. छंटनी के बाद अगर कंपनी दोबारा कर्मचारियों को काम पर बुलाती है तो उन्हें भी यह लाभ दिया जायेगा.
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सरकार ने इस योजना की अवधि कई कारणों से बढ़ा सकती है . सरकार इस योजना के जरिये 58.5 लाख कर्मचारियों तक यह लाभ पहुंचाना चाहती थी लेकिन 21 लाख लोगों को ही इसका फायदा मिला साथ ही जितने लोगों की नौकरी गयी उनमें से लगभग 60 प्रतिशत व्यक्तियों को अब तक नौकरी नहीं सकी है. इसके साथ ही योजना की राशी का खर्च भी 50 फीसद ही हुआ है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इसकी अवधि बढ़ा सकती है.
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