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अच्छी खबर: अगस्त में 5.30 प्रतिशत रही मुद्रास्फीति, अनाज और सब्जियों के दाम में गिरावट से घटी महंगाई

Consumer Price Index देश में खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से खुदरा महंगाई में अगस्त महीने में और कमी आई है. सरकार द्वारा सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष अगस्त में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित महंगाई दर 5.30 फीसदी रही है. इसके पहले जुलाई में महंगाई दर 5.59 फीसदी थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2021 7:02 PM

Consumer Price Index देश में खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से खुदरा महंगाई में अगस्त महीने में और कमी आई है. सरकार द्वारा सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष अगस्त में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित महंगाई दर 5.30 फीसदी रही है. इसके पहले जुलाई में महंगाई दर 5.59 फीसदी थी. वहीं, एक साल पहले अगस्त में यह 6.69 प्रतिशत पर थी.

ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई दर 5.28 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में 5.32 फीसदी रही. इस दौरान अनाज के दाम में 1.42 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है जबकि, फलों के दाम में 6.69 फीसदी की बढ़त हुई. वहीं, सब्जियों के दाम में 11.68 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज हुई है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति अगस्त में 3.11 प्रतिशत रही, जो कि जुलाई में 3.96 प्रतिशत थी. अगस्त महीने में खाद्य तेल के दाम में 33 फीसदी की भारी बढ़त दर्ज की गई.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अगस्त में अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों को यथावत रखा था. बता दें कि केंद्रीय बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पर निर्णय के लिए मुख्य रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पर गौर करता है. रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के 5.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है. केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि दूसरी तिमाही में यह 5.9 प्रतिशत, तीसरी में 5.3 प्रतिशत और चौथी में 5.8 प्रतिशत रहेगी. वहीं, अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति के 5.1 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया गया.

इससे पहले देश की खुदरा महंगाई दर जुलाई में भी नीचे आई थी. हालांकि, अब ये भारतीय रिजर्व बैंक के तय दायरे के भीतर हो गई है. खाने-पीने से जुड़ी कई जरूरी चीजों विशेषकर सब्जियों के दाम कम होने से आम आदमी को राहत मिली थी. आरबीआई की मौद्रिक नीति के हिसाब से देश में महंगाई दर 2 से 4 प्रतिशत के बीच रहनी चाहिए. इसमें दो प्रतिशत ऊपर या नीचे रहने की छूट दी गई है.

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