एग्रीकल्चर ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए आयोटेक वर्ल्ड एविगेशन ने VNMKV से किया टाइअप

आयोटेक वर्ल्ड एविगेशन के अनूप कुमार उपाध्याय ने कहा कि दोनों पक्ष कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देंगे और वीएनएमकेवी विश्वविद्यालय में कृषि प्रशिक्षण केंद्र और रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (आरपीटीओ) विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2023 9:33 PM

नई दिल्ली : कृषि-ड्रोन बनाने वाली आयोटेक वर्ल्ड एविगेशन ने कृषि क्षेत्र में मानव रहित हवाई वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र के वसंतराव नाइक मराठवाड़ा कृषि विद्यापीठ (वीएनएमकेवी) के साथ समझौता किया है. कंपनी ने शुक्रवार को बयान में कहा कि समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उद्देश्य ड्रोन प्रौद्योगिकी में अनुसंधान को आगे बढ़ाने के अलावा कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में किसानों के बीच जागरूकता पैदा करना है.

कृषि ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर वीएनएमकेवी के कुलपति डॉ इंद्र मणि और स्टार्ट-अप आयोटेक वर्ल्ड एविगेशन की ओर से कंपनी के सह-संस्थापक एवं निदेशक अनूप कुमार उपाध्याय ने हस्ताक्षर किए. पिछले महीने वर्ष 2017 में बने कृषि स्टार्ट-अप, आयोटेक वर्ल्ड ने महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ (एक कृषि विश्वविद्यालय), राहुरी, महाराष्ट्र के साथ इसी तरह की साझेदारी की घोषणा की थी.

आयोटेक वर्ल्ड एविगेशन के अनूप कुमार उपाध्याय ने कहा कि दोनों पक्ष कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देंगे और वीएनएमकेवी विश्वविद्यालय में कृषि प्रशिक्षण केंद्र और रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (आरपीटीओ) विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे. आयोटेक वर्ल्ड के सह-संस्थापक दीपक भारद्वाज ने कहा कि विश्वविद्यालयों के साथ गठजोड़ से कंपनी को ड्रोन तकनीक में और शोध करने में मदद मिलेगी.

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उन्होंने कहा कि आयोटेक वर्ल्ड वीएनएमकेवी के साथ कृषि ड्रोन के लिए रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (आरपीटीओ) की स्थापना में तकनीकी भागीदार होगा. यह देश में ड्रोन पायलट की कमी को कम करने में मदद करेगा. स्टार्टअप का अपना रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (आरपीटीओ) है जहां किसानों को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दी जाती है. यह ड्रोन पायलट लाइसेंस प्राप्त करने में किसानों की मदद करता है.

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