आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का कैसे मिलेगा लाभ, क्या होगी प्रक्रिया ?

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन योजना के माध्यम से हेल्थ इकोसिस्टम बनाया गया है. इस योजना के माध्यम से आप दफ्तरों के चक्कर लगाये बगैर योजना का लाभ ले सकेंगे. सुरक्षा, गोपनीयता और निजता को सुनिश्चित करते हुए एक विस्तृत श्रृंखला के प्रावधान के माध्यम से डेटा, सूचना से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार करना है

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2021 12:02 PM

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत हो गयी. इस योजना का लाभ आपको क्या मिलेगा ? योजना की शुरुआत के साथ ही कई तरह के सवाल हैं. यह पूरे देश में लागू नहीं होगा फिलहाल इसकी शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर की गयी है. आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन छह केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे पहले लागू हो रहा है.

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन योजना के माध्यम से हेल्थ इकोसिस्टम बनाया गया है. इस योजना के माध्यम से आप दफ्तरों के चक्कर लगाये बगैर योजना का लाभ ले सकेंगे. सुरक्षा, गोपनीयता और निजता को सुनिश्चित करते हुए एक विस्तृत श्रृंखला के प्रावधान के माध्यम से डेटा, सूचना और जानकारी का एक सहज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार करना है. इसमें निजी संगठनों को भी सहायता प्रदान करना होगा.

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नेशनल डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम का हिस्सा बनते हुए हेल्थ इंफॉर्मेशन प्रोवाइडर या हेल्थ इंफॉर्मेशन यूजर अथवा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तैयार ब्लॉक्स के साथ कुशलता से स्‍वयं को जोड़ने की मंशा रखते हैं.इस योजना के तहत सरकार हर व्यक्ति का एक अलग हेल्थ कार्ड बनायेगी. यह पूरी तरह से तकनीक पर होगा और देखने में आधार कार्ड की तरह होगा इसके अंदर सारी जानकारी होगी.

इससे पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड को मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से जोड़ा और देखा जा सकेगा. इसके तहत, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (HPR) और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्रियां (HFR), आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों दोनों ही मामलों में सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए एक कलेक्शन के रूप में कार्य करेंगी. यह चिकित्‍सकों/अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए व्यवसाय में भी आसानी को सुनिश्चित करेगा.

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इस कार्ड के आने से सभी कागज लेकर आपको एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर नहीं दौड़ना होगा.. डॉक्टर या अस्पताल रोगी का यूनिक हेल्थ आईडी देखकर उसका पूरा डेटा निकालेंगे और सभी बातें जान सकेंगे. उसी डेटा के माध्यम से उनका इलाज हो सकेगा. इसमें यह भी जानकारी होगी कि मरीज को किन- किन सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा. रोगी को आयुष्मान भारत के तहत इलाज की सुविधाओं का लाभ मिलता है. जिस व्यक्ति का यह कार्ड बनाया जायेगा उसकी आईडी बनेगी, उससे मोबाइल नंबर और आधार नंबर लिया जायेगा. इन दो रिकॉर्ड की मदद से यूनिक हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा.

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