पतंजलि के उत्पादों की नकल कर रहीं एफएमसीजी कंपनियां? योग गुरु बाबा रामदेव ने कारोबार को लेकर कही ये बात

बाबा रामदेव ने आगे कहा कि हमारा पहला फोकस परंपरागत खाद्य तेल पर रहेगा. इसमें हम नेचुरल वर्जिन ऑयल को लॉन्च करने की तैयारी में है, जो प्रीमियम सेगमेंट में होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2022 2:03 PM

नई दिल्ली : पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक योग गुरु बाबा रामदेव ने 24 मार्च 2022 को रुचि सोया का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) लॉन्च कर दिया है. पतंजलि के इस एफपीओ में देश के बड़े से बड़े और छोटे से छोटे निवेशक पैसा लगाकर आमदनी कर सकते हैं. बाबा रामदेव ने इस एफपीओ का बेस प्राइस 615 से 650 रुपये प्रति शेयर रखा है. सबसे बड़ी बात यह है कि मीडिया से बातचीत के दौरान बाबा रामदेव ने कहा है कि दूसरी उपभोक्ता वस्तु निर्माता एफएमसीजी कंपनियां पतंजलि के उत्पादों की नकल करने की कोशिश की हैं, लेकिन इसमें उन्हें सफलता हासिल नहीं हुई.

एफएमसीजी कंपनियों ने की नकल की कोशिश

कारोबारी समाचार की वेबसाइट मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में योग गुरु बाबा रामदेव ने दावा किया कि देश में कारोबार कर रही हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, डाबर, कॉलगेट पाल्मोलाइव आदि कंपनियों ने पतंजलि आयुर्वेद की नकल करने की कोशिश की, लेकिन इसमें उन्हें बहुत बड़ी सफलता हासिल नहीं हुई. इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि पतंजलि आयुर्वेद और रुचि सोया के फूड कारोबार के मर्जर से हम एफएमसीजी सेगमेंट के दिग्गज बनकर उभरेंगे और देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनियों को भी पीछे छोड़ेंगे.

परंपरागत खाद्य तेलों पर फोकस

बाबा रामदेव ने आगे कहा कि हमारा पहला फोकस परंपरागत खाद्य तेल पर रहेगा. इसमें हम नेचुरल वर्जिन ऑयल को लॉन्च करने की तैयारी में है, जो प्रीमियम सेगमेंट में होगा. इसके अलावा, पतंजलि आयुर्वेद के खाद्य तेल और गाय के घी प्रोडक्ट को रुचि सोया के साथ मर्ज कर दिया जाएगा. रुचि सोया को देश की टॉप एफएमसीजी कंपनी बनाने के लिए हम पतंजलि के पूरे फूड पोर्टफोलियो को रुचि सोया में ट्रांसफर कर देंगे. उन्होने आगे कहा कि पाम ऑयल के एक्सपोर्ट पर निर्भरता घटाने के लिए पाम प्लांटेस पर हमारा फोकस बना रहेगा.

Also Read: योगगुरु बाबा रामदेव पैसा कमाने के लिए दे रहे हैं भरपूर मौका, 28 मार्च तक ही उठा सकते हैं इसका लाभ
बाजार में होनी चाहिए प्रतिस्पर्धा

बाबा रामदेव ने आगे कहा कि बाजार में प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए. ऐसा होने पर ही कंज्यूमर को हमारी वैल्यू के बारे में पता चलेगा. किसी भी ब्रांड की मजबूती लोगों के उस पर विश्वास पर निर्भर करती है. बड़ी -बड़ी एफएमसीजी कंपनियां अपनी ब्रांड पहचान बनाने के लिए ब्रांड एंबेसडर पर 5-10 करोड़ रुपये खर्च कर सकती हैं. अच्छी विज्ञापन फिल्में बना सकती हैं, लेकिन वे बाजार में वो विश्वास हासिल नहीं कर सकती हैं, जो बाबा रामदेव के लिए लोगों में है. हमने देश की सेवा में 30 साल खर्च किए हैं. यह हमारा घमंड, धृष्टता या अज्ञान नहीं है, बल्कि सच्चाई है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version