नयी दिल्ली : क्रेडिट कार्ड वर्तमान समय की मांग भी है और स्टेटस सिंबल भी. आज के समय में लोग एक से ज्यादा भी क्रेडिट कार्ड रखते हैं. क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना जितना आसान है, उतना ही जोखिम भरा हो सकता है. कई बार क्रेडिट कार्ड बिल में भी गड़बड़ी हो जाती है. क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में सावधानी बरतनी जरूरी है.
क्रेडिट कार्ड के ट्रांजेक्शन का ब्योरा आप दो प्रकार से चेक कर सकते हैं. पहला है संबंधित बैंक के मोबाइल ऐप पर और दूसरा बैंक द्वारा भेजे गये ई-मेल के जरिये. मोबाइल ऐप पर आप कभी भी लॉग-इन करके देख सकते हैं या चेक कर सकते हैं. लेकिन, मोबाइल पर संबंधित कंपनी का ऐप एक्टिव नहीं रखा है, तो आपको बिल जेनरेट करने की तिथि पर कंपनी की ओर से भेजा जाता है.
क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन का ब्योरा मासिक रूप में आपके पास भेजा जाता है. यह आपके कार्ड के बिलिंग साइकिल पर निर्भर करता है कि कब बिल जेनरेट होता है. बिलिंग साइकिल के आखिरी दिन यह जेनरेट होता है. इसके बीच में बैंक की ओर से कोई ब्योरा नहीं भेजा जाता. अगर आपने कोई लेन-देन बिलिंग साइकिल के बीच में नहीं किया है, तो आपको बैंक की ओर से कोई बिल या स्टेटमेंट नहीं भेजा जाता.
क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट के ई-मेल में बैंक की ओर से कई जानकारियां दी जाती हैं. क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट आमतौर पर लंबा होने के कारण समझना शुरुआत में थोड़ा मुश्किल हो सकता है. लेकिन, क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट के जरिये बिल में हुई गड़बड़ी पर ग्राहक नजर रख सकते हैं. क्रेडिट कार्ड देनेवाले बैंक स्टेटमेंट को कई भागों में बांट कर विस्तृत सूचना उपलब्ध कराता हैं. आइए जानते हैं, क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में दी गयी जानकारी और जटिल शब्दों के अर्थ.
क्रेडिट कार्ड के बिलिंग साइकिल के बीच पिछले एक माह में आपने कितनी राशि खर्च की है, इसकी कुल बकाया राशि का जिक्र होता है. अतिरिक्त चार्ज से बचने के लिए आपको टोटल अमाउंट ड्यू का भुगतान कर देना चाहिए. इससे आपको कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होगा.
कभी-कभी आप क्रेडिट कार्ड का ज्यादा इस्तेमाल कर लेते हैं. वहीं, ड्यू डेट तक आपके पास पूरे पैसे भी कभी-कभी नहीं होते हैं. ऐसे में क्रेडिट कार्ड के पूरे बिल का भुगतान कर पाना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में आप ड्यू डेट के अंदर दी गयी मिनिमम अमाउंट का भुगतान कर सकते हैं. यह कुल बकाया राशि का अंश होता है. मिनिमम अमाउंट का भुगतान अगर आप कर देते हैं, तो कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना पड़ता. हालांकि यह सुविधा सीमित समय के लिए ही होता है. शेष राशि आपके स्टेटमेंट में जब तक रहेगी, आपको उस पर ब्याज देना होगा.
क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में सबसे महत्वपूर्ण पेमेंट ड्यू डेट होती है. यह पूरी राशि का भुगतान करने की अंतिम तिथि होती है. इस तिथि के पेमेंट करने पर दो तरह के चार्ज लगते हैं. पहला है- बकाया राशि पर ब्याज का भुगतान और दूसरा है- लेट पेमेंट फीस. लेट पेमेंट फीस अलग-अलग कंपनियों की अलग-अलग हो सकती है.
क्रेडिट कार्ड कार्डधारकों को खर्च के लिए बैंक की ओर से सीमित क्रेडिट दी जाती है. अर्थात्, क्रेडिट कार्ड से आपके खर्च की सीमा निश्चित होती है. इसी को क्रेडिट लिमिट कहते हैं. क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में लिमिट तीन भागों में आपको दिखेगी. पहला है कुल क्रेडिट लिमिट, दूसरा है उपलब्ध क्रेडिट लिमिट और तीसरा है कैश लिमिट. कुल क्रेडिट में बैंक की ओर से निर्धारित कुल खर्च की जानेवाली राशि दिखेगी. वहीं, उपलब्ध क्रेडिट में खर्च की गयी राशि के बाद कुल निर्धारित राशि में से खर्च की गयी राशि काट कर दिखायी जायेगी. जिसका इस्तेमाल बिलिंग साइकिल में आप कर सकते हैं. वहीं, अवेलेबल कैश में भी कुछ नकद राशि की लिमिट होती है, जिसे आप आकस्मिक स्थिति में निकाल सकते हैं.
क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में आपको अब तक जमा किये गये रिवॉर्ड प्वॉइंट्स के साथ उसका स्टेटस भी दिखेगा. यहां आपको एक टेबल दिखेगा जिसमें पिछली साइकिल से आये रिवॉर्ड प्वॉइंट्स की संख्या, वर्तमान बिलिंग साइकिल में कमाये गये प्वॉइंट्स और खत्म हो चुके प्वॉइंट्स दिये जायेंगे.
आपको क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में बैलेंस का एक सारांश भी मिलता है. इसमें आपका ओपनिंग बैलेंस होता है, जो नये बिलिंग साइकिल शुरू होने पर क्रेडिट कार्ड में मौजूद सीमा है. बिलिंग साइकिल में खर्च की गयी राशि और भुगतान के साथ अतिरिक्त चार्ज का ब्योरा होता है.
इसमें क्रेडिट कार्ड से आपके द्वारा की गयी खरीदारी पर बैंक की ओर से मिले प्वाइंट्स होते हैं. इस प्वाइंट्स को रिडीम करना होता है. इसमें आपको बैंक की ओर से रिडीम प्वाइंट्स के अनुपात में कुछ भुगतान किया जाता है, जिसका इस्तेमाल आप विभिन्न खरीदारी पर कर सकते हैं.
क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में कितना पैसा कहां खर्च हुआ, इसकी जानकारी दी जाती है. इसमें खर्च की गयी राशि की तिथि, समय के साथ-साथ किसे भुगतान किया गया है, इसका ब्योरा होता है. क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट को ध्यान से चेक करें, अगर आपको कहीं भी गड़बड़ी दिखे, तो आप तुरंत अपनी कंपनी या बैंक को सूचना दें. इसके लिए आप कस्टमर केयर या हेल्पलाइन पर फोन करके भी समस्या से अवगत करा सकते हैं.
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