Bank Loan News : बैंक द्वारा लोन नहीं दिए जाने की खबरें कई बार आती रहती है, लेकिन इस बार बैंक लोन को लेकर एक अजीबोगरीब बात सामने आई है. दरअसल एक सेवानिवृत्त डॉक्टर को बैंक ने इसलिए लोन नहीं दिया क्योंकि उस डॉक्टर को हिंदी नहीं आती थी. हालांकि डॉक्टर के इस आरोप को बैंक ने खारिज किया है.
क्या है मामला- तमिलनाडु के अरियालुर जिले के गंगईकोंडचोलापुरम के रहने वाले सेवानिवृत्त डॉक्टर के बालासुब्रमण्यम ने आरोप लगाया है कि बैंक ने उन्हें इसलिए लोन नहीं दिया, क्योंकि वे हिंदी नहीं जानतें थे. बालासुब्रमण्यम ने आगे कहा कि जब मैं बैंक गया तो अधिकारी ने मुझे मेरे भाषा के बारे में पूछा और मेरे द्वारा बताए जाने के बाद उन्होंने मुझे लोन नहीं दिया.
डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार बालासुब्रमण्यम ने कहा कि वे और उनके इंजिनियर दोस्त इंडियन ओवरसीज बैंक के स्थानीय ब्रांच में गए थे, जहां पर उन्होंने लोन के लिए अप्लाई किया, लेकिन बैंक अधिकारी ने हिंदी नहीं आने के कारण लोन देने से मना कर दिया. वहीं बैंक ने सेवानिवृत्त डॉक्टर के इस आरोप को खारिज किया है.
चुनाव से पहले भाषाई विवाद हो सकता है शुरू– बता दें कि तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा का चुनाव है. ऐसे में चुनाव से पहले इस घटना के बाद भाषा के आधार पल राजनीति शुरू हो सकती है. हालांकि अभी तक किसी भी बड़े नेता ने इसपर बयान नहीं दिया है.
वहीं इससे पहले एक अन्य मामले में वित्त मंत्रालय ने कहा कि रेहड़ी-पटरी वालों की मदद के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अब तक 90 प्रतिशत से अधिक ऋण मंजूर किया है. मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 महामारी को देखते हुये लगाये गये लॉकडाउन के बाद इन लोगों को इससे अपना कामकाज फिर शुरू करने में मदद मिलेगी. केंद्र सरकार ने रेहड़ी-पटरी वालो कें लिए आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना एक जून को शुरू की थी.
Posted by : Avinish Kumar mishra
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