अगर आप बैंक के लॉकर में अपने कीमती सामान रखते हैं और लॉकर किसी तरह चोरी हो गया, तो अब बैंक( bank locker india rbi rules ) आपको इसके लिए मुआवजा देगा. अक्सर लोग घर में किमती सामान रखने से बचते हैं. ऐसे में बैंक का लॉकर ही वह स्थान है जहां गहने और कीमती चीजें रखी जाती है.
अब आप यहां अपने सामान को ज्यादा सुरक्षित महसूस कर सकते हैं. बैंक लॉकर किराये पर लेने से संबंधित दिशानिर्देशों में संशोधन किया है. रिजर्व बैंक ने संशोधित निर्देशों में बैंकों के लिए मुआवजा नीति और देनदारी का भी विस्तार से उल्लेख किया है. एक जनवरी, 2022 से यह फैसला लागू होगा. रिजर्व बैंक ने इस संबंध में आदेश दिया है. बैंकों को अपने बोर्ड द्वारा मंजू नीति को लागू करना होगा. इस नीति में बैंक के लॉकर में रखे सामान की जिम्मेदारी बैंक को लेनी होगी.
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अगर किसी वजह से बैंक में रखे सामान गायब हो जाते हैं, उनकी चोरी होती है तो इसकी जिम्मेदारी बैंक की होगी हालांकि आरबीआई ने प्राकृतिक आपदा या ‘एक्ट ऑफ गॉड’ यानी भूकंप, बाढ़, आकाशीय बिजली या आंधी-तूफान की स्थिति में बैंक किसी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी.
बैंकों की यह जिम्मेदारी होगी की उन्हें किसी तरह की आपदा से बैंक को सुरक्षित रखने की पूरी कोशिश करनी होगी. जहां आपके लॉकर हैं उन्हें भी सुरक्षितर रखने की पूरी जिम्मेदारी बैंक की होगी. बैंक आग, डकैती या चोरी के मामले में अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकेगा. ऐसे मामलों में बैंक का दायित्व लॉकर के वार्षिक किराये का सौ गुना तक होगा.
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इसके अलावा, बैंकों को लॉकर करार में एक प्रावधान शामिल करना होगा, जिसमें तहत लॉकर किराये पर लेने वाला व्यक्ति उसमें कोई भी गैरकानूनी या खतरनाक सामान नहीं रख सकेगा.बैंक ने स्पष्ट किया है कि सभी बैंकों को शाखा के आधार पर लॉकर की सूची जारी करनी होगी. लॉकरों के आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी. आरबीआई की तरफ से जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि बैंकों को लॉकर आवंटन के सभी आवेदनों के लिए पावती या रिसीट देनी होगी.
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