बढ़ रहा है बैंकों का एनपीए, फंसा कर्ज 8-9 फीसदी होने का होगा ये असर

Bank NPA News Today: क्रिसिल ने आगे कहा कि अगर ऐसा होता है, तो यह वित्त वर्ष 2017-18 के अंत के 11.2 प्रतिशत के आंकड़े से काफी कम होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2021 7:34 PM

मुंबई: कोरोना संक्रमण का असर बैंकों पर भी देखा जा रहा है. बैंकों का एनपीए (Bank NPA News Today) बढ़ रहा है. विशेषज्ञ बता रहे हैं कि चालू वित्त वर्ष में यह 8 से 9 फीसदी के बीच रह सकता है. साख निर्धारित करने वाली एजेंसी क्रिसिल ने कहा है कि बैंकों की गैर-निष्पादित आस्तियां (NPA) यानी फंसा कर्ज चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 8 से 9 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है.

क्रिसिल (CRISIL) ने आगे कहा कि अगर ऐसा होता है, तो यह वित्त वर्ष 2017-18 के अंत के 11.2 प्रतिशत के आंकड़े से काफी कम होगा. एजेंसी के अनुसार, कर्ज पुनर्गठन और आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) जैसे कोविड-19 राहत उपायों से बैंकों के सकल एनपीए को सीमित रखने में मदद मिलेगी.

उसने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक करीब दो प्रतिशत बैंक ऋण के पुनर्गठन की संभावना है. ऐसे में सकल एनपीए और पुनर्गठन के अंतर्गत आने वाला कर्ज समेत दबाव वाली संपत्ति 10-11 प्रतिशत पहुंच जाने का अनुमान है.

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रेटिंग एजेंसी के वरिष्ठ निदेशक और उप मुख्य रेटिंग अधिकारी कृष्णन सीतारमण ने रिपोर्ट में कहा, ‘खुदरा और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) खंडों का कुल कर्ज में योगदान करीब 40 प्रतिशत है. इस बार इन क्षेत्रों में एनपीए और दबाव वाली संपत्तियां बढ़ने की आशंका है.’

90 हजार करोड़ के एनपीए की बिक्री की उम्मीद

उन्होंने कहा कि इन दोनों खंडों में दबाव वाली संपत्तियां चालू वित्त वर्ष के अंत तक बढ़कर क्रमश: 4-5 प्रतिशत और 17-18 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है. क्रिसिल ने कहा कि राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्गठन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) के चालू वित्त वर्ष के अंत तक परिचालन में आने के साथ पहले दौर में 90,000 करोड़ रुपये के एनपीए की बिक्री की उम्मीद है. इससे सकल एनपीए की सूचना में कमी देखने को मिल सकती है.

अधिक मजबूत हुआ कॉरपोरेट क्षेत्र

रिपोर्ट के अनुसार, कॉरपोरेट क्षेत्र अधिक मजबूत बना हुआ है. पांच साल पहले संपत्ति गुणवत्ता समीक्षा के दौरान कंपनियों में ज्यादातर दबाव वाली संपत्तियों की पहचान पहले ही हो चुकी है. इसमें कहा गया है, ‘इससे कंपनियों के बही-खाते मजबूत हुए और वे खुदरा तथा एमएसएमई के मुकाबले बेहतर तरीके से महामारी की चुनातियों से निपटने में सक्षम रहे.’

यही कारण है कि इस खंड में केवल लगभग एक प्रतिशत कर्ज का ही पुनर्गठन हुआ है. इससे कॉरपोरेट क्षेत्र में दबाव वाली संपत्ति चालू वित्त वर्ष में 9 से 10 प्रतिशत के दायरे में रहने की संभावना है.

Posted By: Mithilesh Jha

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