1 अक्टूबर से, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा ऑटो डेबिट नियम में अनिवार्य परिवर्तन लागू होंगे. यह बदलाव उन ग्राहकों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो अपने आवर्ती लेनदेन के लिए डेबिट कार्ड का उपयोग करते हैं. इस नए नियम के बाद अब पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां आपसे बिना पूछे आपके पैसे नहीं काटेंगी. यानी अब हर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पर कंज्यूमर से उसकी मंजूरी ली जाएगी. अब तक ऑटो पेमेंट का एसएमएस नहीं आता था. बता दें ये नियम 1 अप्रैल 2021 से लागू होने वाला था, लेकिन आरबीआई ने इसमें छह महीने की छूट दी थी.
क्याें हुए बदलाव
रिजर्व बैंक को कई पक्षों से यह अनुरोध मिला था कि क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड के रिकरिंग ट्रांजैक्शन मर्चेंट पेमेंट पर ई-मैंडेट (e-mandate) की सुविधा दी जाए, इसके लिए एडिशनल फैक्टर ऑफ आथेंटिकेशन (AFA) हो और बाद में हर बार ऑटोमेटेड ट्रांजैक्शन से पहले एक मैसेज के द्वारा ग्राहकों से पूर्व इजाजत ली जाए. इसे रिजर्व बैंक ने स्वीकर कर लिया. हालांकि बैंकों द्वारा समुचित तैयारी न होने की वजह से यह कई बार टलता रहा. लेकिन अब रिजर्व बैंक ने और मोहलत देने से इंकार किया और 1 अक्टूबर, 2021 से इसे लागू किया जाना है.
1 अक्टूबर से अटक सकते हैं ऑटो डेबिट पेमेंट!
RBI ने देश में डिजिटल पेमेंट को ज्यादा सुरक्षित बनाने के मकसद से Additional Factor Authentication (AFA) का लागू करने का निर्देश दिया गया है. रेकरिंग ऑनलाइन पेमेंट में ग्राहकों के हितों और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए और साथ ही उन्हें फ्रॉड से बचाने के मकसद से AFA का इस्तेमाल करते हुए एक फ्रेमवर्क तैयार करने का निर्देश दिया गया था. लेकिन IBA की अपील को देखते हुए इसे लागू करने के लिए डेडलाइन को 31 मार्च 2021 से बढ़ा कर 30 सितंबर कर दिया था, ताकि बैंक इस फ्रेमवर्क को लागू करने की पूरी तैयारी कर सकें.
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