बैंक यूनियनों का 24 मार्च से दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान, जानें कारण और मांगें
Bank Strike: बैंक यूनियनों ने 24-25 मार्च 2025 को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया. यूनियनों का कहना है कि अगर उनकी मांगों पर उचित विचार नहीं किया गया तो आगे भी बड़े स्तर पर आंदोलन किया जा सकता है. जानें कारण, बैंकिंग सेवाओं पर असर और यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस की मांगें.
Bank Strike: बैंकों से कामकाज करने वालों के लिए आवश्यक सूचना है. वह यह है कि देश में बैंकों में हड़ताल होने वाली है. यह हड़ताल फिलहाल फरवरी में नहीं है, बल्कि मार्च में होगी. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने 24 और 25 मार्च 2025 को दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल की घोषणा की है. यह हड़ताल मुख्य रूप से पांच दिवसीय कार्य सप्ताह, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) में रिक्त पदों की भर्ती और बोर्ड में कर्मचारी/अधिकारी निदेशकों की नियुक्ति की मांग को लेकर की जा रही है.
हड़ताल की प्रमुख मांगें
- पांच दिवसीय कार्य सप्ताह लागू करना
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कर्मचारियों की भर्ती
- सभी संवर्गों में पदोन्नति और उचित वेतन संशोधन
- बैंक बोर्ड में कर्मचारी और अधिकारी निदेशकों की नियुक्ति
- ग्रैच्युटी की सीमा को 25 लाख रुपये तक बढ़ाना
- परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) के फैसले को वापस लेना
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हड़ताल से बैंकिंग सेवाओं पर असर
अगर सरकार और बैंक प्रबंधन के साथ वार्ता विफल रहती है, तो इस हड़ताल के कारण लोगों की परेशानी बढ़ सकती है. इसमें चेक क्लियरेंस, नकद निकासी, डिपॉजिट, लोन अप्रूवल और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन जैसी सेवाओं पर प्रभाव पड़ सकता है.
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बैंक यूनियनों का रुख
UFBU ने कहा कि सरकार द्वारा बैंकों के नीतिगत मामलों में अत्यधिक हस्तक्षेप से बैंकों की स्वायत्तता प्रभावित हो रही है और कर्मचारियों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है. इसी के विरोध में हड़ताल बुलाई गई है. यूनियनों का कहना है कि अगर उनकी मांगों पर उचित विचार नहीं किया गया तो आगे भी बड़े स्तर पर आंदोलन किया जा सकता है.
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