Banks change rules : तो क्या देश के बैंकों ने सही मायने में फ्री में कैश डिपॉजिट और विड्रॉल पर सर्विस चार्ज लगा दिया है, क्योंकि देश में कोविड-19 महामारी से उपजे की स्थिति के मद्देनजर मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) जब नकदी जमा और पर लगाए गए सर्विस चार्ज (Service charge) को वापस लेने का फैसला किया, तब देश के बैंकों ने फ्री कैश डिपॉजिट (Free cash deposite) और विड्रॉल (Withdrawals) पर रोक लगा दी. हालांकि, बैंकों ने महीने में केवल दो या पांच बार कैश ट्रांजेक्शन (Cash transaction) को इससे बाहर रखा है, लेकिन इस सीमा (Limit) को पार करने के बाद सर्विस चार्ज का भुगतान (Payment of service tax) करना होगा.
बैंक ऑफ बड़ौदा ने महीने में फ्री में पांच बार कैश डिपॉजिट और विड्रॉल करने की संख्या को घटाकर तीन कर दिया था. हालांकि, बैंक ने फ्री में लेनदेन की इस सीमा से अधिक का ट्रांजेक्शन करने के जार्च में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया था.
अंग्रेजी के अखबार इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित समाचार के अनुसार, देश के सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के खाते में औसतन 25,000 रुपये तक बैलेंस रखने वाले ग्राहकों के लिए महीने में केवल दो बार फ्री में निकासी कर सकेंगे. एसबीआई ने पिछले 1 अक्टूबर को ग्राहकों पर लागू होने वाले चार्जेज में आखिरी बार संशोधन किया था.
बता दें कि वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को यह साफ कर दिया था कि देश के दूसरे सरकारी बैंकों ने अपने चार्जेज में फिलहाल किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की है. मंत्रालय ने यह भी कहा था कि हालांकि, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों सहित देश के सभी बैंक लागत के आधार पर निष्पक्ष रूप से सर्विस चार्ज बढ़ाते हैं, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों ने भी जानकारी दी है कि कोविड महामारी को देखते हुए निकट भविष्य में वे बैंक चार्जेज में बढ़ोतरी नहीं करेंगे.
Posted By : Vishwat Sen
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