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वित्तीय संस्थानों का आइपीओ में निवेश बढ़ा
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चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया निवेश
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वित्तीय संस्थानों ने आइपीओ में 698 करोड़ रुपये का निवेश
इस साल अब तक बैंक और वित्तीय संस्थानों का आइपीओ में निवेश चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. एक अंग्रेजी अखबार के द्वारा प्राइम डेटाबेस से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर किये गये विश्लेषण के अनुसार, बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने इस साल आइपीओ में निवेश को लगभग दोगुना कर 870 करोड़ रुपये कर दिया, जो 2019 में 461 करोड़ रुपये था.
बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने क्यूआइबी मार्ग के माध्यम से आइपीओ में निवेश किया है. पिछले साल, बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने आइपीओ में 698 करोड़ रुपये का निवेश किया. 2017 में आइपीओ के माध्यम से रिकॉर्ड फंड जुटाये गये थे, उस दौरान बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने क्यूआइबी मार्ग से 4,548 करोड़ रुपये का निवेश किया था.
2017 में रिकॉर्ड 4,548 करोड़ रुपये लगाये थे आइपीओ में: इन निवेशों का नेतृत्व करने वाले बैंकों में आइडीबीआइ बैंक, एसबीआइ, आइसीआइसीआइ बैंक, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा शामिल हैं. अधिकांश बैंक उन कंपनियों में निवेश करते हैं जिनकी वित्तीय स्थिति अच्छी होती है. एक बैंकर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बैंकों ने क्लीन साइंस, लक्ष्मी ऑर्गेनिक्स, सोना कॉमस्टार जैसी कंपनियों के आइपीओ में निवेश किया है. लेकिन मुझे संदेह है कि क्या उन्होंने जोमैटो के आइपीओ में निवेश किया है.
इस साल जुटाये गये 27,417 करोड़: अब तक 2021 में, आइपीओ के माध्यम से 27,417 करोड़ जुटाये जा चुके हैं जबकि पिछले साल 26,108 करोड़ जुटाये गये थे. इसमें सरकारी कंपनियों जैसे गार्डन रीच, एमएसटीसी, आरवीएनएल, मझगांव डॉक, आइआरसीटीसी के आइपीओ को शामिल नहीं हैं.
बिजनेस मॉडल व प्रबंधन गुणवत्ता पर निवेश: एक बैंकर ने कहा कि आइपीओ में निवेश जरूरी नहीं कि सूचीबद्ध लाभ प्राप्त करने के लिए हो. हम मुख्य रूप से बिजनेस मॉडल और प्रबंधन गुणवत्ता को देखते हैं. आइपीओ की गुणवत्ता के कारण बैंकों ने जीआर इंफ्रा, एमटीएआर टेक्नोलॉजीज, हैप्पीएस्ट माइंड्स, इंडियामार्ट जैसे आइपीओ में निवेश किया है.
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Posted by: Pritish Sahay
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