ग्राहकों के साथ ऑनलाइन ठगी होने पर बैंक होंगे जिम्मेदार, बैंकिंग फ्रॉड पर कंज्यूमर कमीशन का सख्त फैसला
Online Banking Fraud : राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने खाताधारकों के साथ होने वाली धोखाधड़ी को लेकर सख्त फैसला सुनाया है.
Online Banking Fraud : ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड का शिकार होने वाले लाखों और उससे अछूत करोड़ों खाताधारकों के लिए एक बड़ी ही राहत भरी खबर है. अब अगर किसी भी बैंक का ग्राहक ऑनलाइन ठगी का शिकार होता है, उसके लिए संबंधित बैंक जिम्मेदार होंगे. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने खाताधारकों के साथ होने वाली धोखाधड़ी को लेकर सख्त फैसला सुनाया है. आयोग ने अपने फैसले में कहा है कि यदि हैकर्स ने ग्राहकों के खातों से ऑनलाइन हैकिंग या धोखाधड़ी के जरिए रकम उड़ाया, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित बैंक की होगी.
12 साल पहले ठगी की शिकार हुई थी महिला ग्राहक
महाराष्ट्र टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, 12 साल पुराने एक मामले में कड़ा फैसला सुनाते हुए आयोग ने ऑनलाइन फ्रॉड के लिए बैंक को जिम्मेदार ठहराया है. आयोग से एक महिला ने शिकायत की थी कि ऑनलाइन ठगों ने उनके खाते से रकम निकाल ली है. महिला ने अपनी शिकायत में ऑनलाइन ठगी के लिए बैंक के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया था.
बैंक ने की थी मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश
इस मामले में बैंक की ओर से महिला खाताधारक के क्रेडिट कार्ड चोरी हो जाने से संबंधित कोई भी सबूत आयोग के समक्ष उपलब्ध नहीं कराया गया था. बैंक ने आयोग के सामने यह दलील दी थी कि महिला का क्रेडिट कार्ड चोरी हो जाने के बाद उनके खाते से पैसों की निकासी की गई. आयोग ने महिला खाताधारक के पक्ष में अपना फैसला सुनाते हुए बैंक को ऑनलाइन ठगी की शिकार महिला के आर्थिक नुकसान की भरपाई करने का आदेश दिया है.
महिला के खाते से ठगों ने उड़ाए 3 लाख रुपये
अखबार के अनुसार, महाराष्ट्र के ठाणे शहर की जेसना जोस ने एक निजी बैंक से प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड लिया था. साल 2008 में उनके खाते से 29 ट्रांजेक्शन करते हुए हैकर ने 3 लाख रुपये उड़ा लिये. इसकी शिकायत जेसना ने उपभोक्ता आयोग के साथ ही लॉस एंजेलिस पुलिस के पास भी की. इसके बाद राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने बैंक के इस दावे को नकार दिया कि क्रेडिट कार्ड चोरी हो गया था और जेसना को 3 लाख रुपये नुकसान भरपाई देने का आदेश दिया. इसके अलावा मानसिक उत्पीड़न और कानूनी कार्रवाई खर्चे के रूप में 80 हजार अलग से देने का आदेश दिया है.
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Posted By : Vishwat Sen
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