BCCI Title Sponsorship: अरबों के रेवेन्यू के बावजूद इन ब्रांड कैटेगरीज की कंपनियां आवेदन के लिए अयोग्य, जानें

BCCI Title Sponsorship prohibited brand categories - बीसीसीआई ने टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए कुछ ब्रांड कैटेगरीज को अयोग्य माना है और बाकायदा उनकी एक सूची जारी की है, जिन्हें स्पॉन्सरशिप अधिकार खरीदने के लिए अयोग्य माना जाएगा. ये कैटेगरीज हैं-

By Rajeev Kumar | June 15, 2023 7:02 PM

BCCI Title Sponsorship : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारतीय क्रिकेट टीमों – पुरुष, महिला और आयु वर्ग की टीमों के टाइटल स्पॉन्सरशिप राइट के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं. इसका मतलब यह कि जल्द ही भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर फ्रंट में आप नया नाम छपा हुआ देख सकते हैं. बीसीसीआई ने यह कदम पिछले स्पॉन्सर बायजू (Byju’s) के द्वारा पिछले वित्त वर्ष की समाप्ति के समय अपनी डील खत्म करने के बाद उठाया है. बता दें कि बायजू ने भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम की जर्सी के फ्रंट पर अपनी ब्रांडिंग के लिए बीसीसीआई के साथ 35 मिलियन यूएस डॉलर की डील की थी.

बीसीसीआई टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए ये ब्रांड कैटेगरीज अयोग्य

बीसीसीआई ने टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए कुछ ब्रांड कैटेगरीज को अयोग्य माना है और बाकायदा उनकी एक सूची जारी की है, जिन्हें स्पॉन्सरशिप अधिकार खरीदने के लिए अयोग्य माना जाएगा. ये कैटेगरीज हैं-

  • एथलीजर और स्पोर्ट्सवियर मैन्युफैक्चरर्स

  • अल्कोहल प्रोडक्ट्स

  • बेटिंग यानी सट्टेबाजी

  • क्रिप्टोकरेंसी

  • रियल मनी गेमिंग

  • तंबाकू

  • ऐसा कोई भी, जिसकी वजह से भावनाएं आहत हों, जैसे पोर्नोग्राफी आदि.

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अरबों डॉलर के रेवेन्यू वाली कैटेगरीज

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीसीसीआई ने क्रिकेट टीम के टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए जिन ब्रांड कैटेगरीज पर रोक लगायी है, उनका रेवेन्यू अरबों डॉलर का है. बीसीसीआई ने क्रिकेट टीम के टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए जिन ब्रांड कैटेगरीज को अयोग्य माना है, उनका राजस्व और सालाना ग्रोथ कितना है? आइए जानें-

किस कैटेगरी का कितना रेवेन्यू?

बीसीसीआई ने टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए अयोग्य मानते हुए जिन ब्रांड कैटेगरीज की लिस्ट तैयार की है, उनमें पहले नंबर पर है- एथलीजर और स्पोर्ट्सवियर मैन्युफैक्चरर्स. स्टैटिस्टा के डेटा की मानें, तो भारत में इसका मार्केट साइज लगभग 80 बिलियन डॉलर का है और यह इंडस्ट्री 10 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ रही है. दूसरे नंबर पर है अल्कोहल प्रोडक्ट्स. यह इंडस्ट्री 495 बिलियन डॉलर की है और सालाना 6.53 प्रतिशत की दर से बढ़त दर्ज कर रही है. तीसरी ब्रांड कैटेगरी बेटिंग यानी सट्टेबाजी है. इसका मार्केट साइज 1.70 बिलियन डॉलर है और यह 9.77 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है. चौथी कैटेगरी है क्रिप्टोकरेंसी. 2.22 बिलियन डॉलर की यह इंडस्ट्री सालाना 9.83 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है. पांचवीं ब्रांड कैटेगरी रियल मनी गेमिंग है और इसका मार्केट साइज 2.6 बिलियन डॉलर है. यह इंडस्ट्री सालाना 28-30 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है. बीसीसीआई की ‘नो – नो लिस्ट’ में छठी ब्रांड कैटेगरी तंबाकू उत्पादों की है. भारत में यह इंडस्ट्री 127.3 बिलियन डॉलर की है और इसका ग्रोथ रेट 4.73 प्रतिशत है.

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