Google Pay का इस्तेमाल करने वाले हो जाएं सावधान, गड़बड़ी होने पर RBI नहीं लेगा किसी तरह की जिम्मेदारी
अगर आप डिजिटल पेमेंट के लिए गूगल पे (Google Pay) का इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान हो जाइए. भुगतान के लिए गूगल के इस एप के इस्तेमाल के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी या फिर किसी धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, तो उसकी जिम्मेदारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) नहीं लेगा. देश के केंद्रीय बैंक ने बीते दिनों दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान यह साफ कर दिया है कि गूगल पे किसी प्रकार की भुगतान प्रणाली का संचालन नहीं करता, बल्कि वह थर्ड पार्टी एप प्रोवाइडर (TPAP) है. उधर, बुधवार को गूगल पे ने एक बयान जारी कर कहा है कि आरबीआई और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) की गाइडलाइन के तहत निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उसके मंच के जरिये किये जाने वाले लेनदेन पूरी तरह सुरक्षित हैं.
अगर आप डिजिटल पेमेंट के लिए गूगल पे (Google Pay) का इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान हो जाइए. भुगतान के लिए गूगल के इस एप के इस्तेमाल के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी या फिर किसी धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, तो उसकी जिम्मेदारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) नहीं लेगा. देश के केंद्रीय बैंक ने बीते दिनों दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान यह साफ कर दिया है कि गूगल पे किसी प्रकार की भुगतान प्रणाली का संचालन नहीं करता, बल्कि वह थर्ड पार्टी एप प्रोवाइडर (TPAP) है. उधर, बुधवार को गूगल पे ने एक बयान जारी कर कहा है कि आरबीआई और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) की गाइडलाइन के तहत निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उसके मंच के जरिये किये जाने वाले लेनदेन पूरी तरह सुरक्षित हैं.
बता दें कि बीते दिनों दिल्ली हाईकोर्ट में वित्तीय अर्थशास्त्री अभिजीत मिश्रा की ओर से दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान आरबीआई ने कहा कि गूगल पे एक थर्ड पार्टी एप प्रोवाइडर है और वह किसी भुगतान प्रणाली को संचालित नहीं करता है. केंद्रीय बैंक ने मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ को बताया कि इसलिए इसके संचालन से 2007 के भुगतान तथा निपटान प्रणाली कानून का उल्लंघन नहीं होता है. आरबीआई ने अदालत से यह भी कहा कि गूगल पे किसी भुगतान प्रणाली का संचालन नहीं करता है, इसलिए वह एनपीसीआई की अधिकृत भुगतान प्रणाली परिचालकों की सूची में शामिल नहीं है.
याचिकाकर्ता अभिजीत मिश्रा ने एक जनहित याचिका में आरोप लगाया था कि गूगल का मोबाइल भुगतान एप गूगल पे या जीपे (G pay) आरबीआई से अपेक्षित मंजूरियों के बिना वित्तीय लेनदेन की सुविधा दे रहा है. मिश्रा ने याचिका में दावा किया है कि जीपे भुगतान और निपटान कानून का उल्लंघन कर एक भुगतान प्रणाली प्रदाता के रूप में कार्य कर रहा है, जबकि उसके पास इस तरह के कार्यों के लिए देश के केंद्रीय बैंक से कोई वैध अनुमति नहीं है.
इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि मामले की विस्तृत सुनवाई की जरूरत है, क्योंकि यह अन्य थर्ड पार्टी के एप को प्रभावित करता है. इस मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी.
उधर, गूगल पे ने बुधवार को कहा कि आरबीआई और एनपीसीआई के दिशानिर्देशों के तहत निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उसके मंच के जरिये किए जाने वाले लेनदेन पूरी तरह सुरक्षित हैं. गूगल पे का यह स्पष्टीकरण सोशल मीडिया पर इस चर्चा के बाद आया कि उसके माध्यम से पैसों का लेनदेन करना विधि सम्मत नहीं है, क्योंकि यह अनधिकृत एप है.
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गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा कि सोशल मीडिया में कुछ जगह आरबीआई को गलत तरीके से उद्धृत करके यह दावा किया गया है कि गूगल पे के जरिये पैसों का लेनदने करना विधि सम्मत नहीं है, क्योंकि ये एप अनधिकृत है. यह गलत है और इसकी सच्चाई एनपीसीआई की वेबसाइट पर पता की जा सकती है. प्रवक्ता ने कहा कि आरबीआई ने इस तरह की कोई बात अदालत की सुनवाई में नहीं कही है.
Posted By : Vishwat Sen
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