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क्या आपने अपने बैंक खाते में नॉमिनी दर्ज किया है? नहीं, तो घर बैठे एक कॉल से जानिए इसके फायदे

Benefits of nominee : क्या आपके पास बैंक खाता है? यदि है, तो क्या आपने बैंक खाते में नॉमिनी का नाम दर्ज किया है? नहीं, तो आप आज ही घर बैठे आरबीआई द्वारा दिए गए नंबर पर फोन करके अपने बैंक खाते में नॉमिनी के नाम दर्ज कराने के फायदे जान सकते हैं. दरअसल, आरबीआई देश के तमाम खाताधारकों को एसएमएस भेजकर बैंक खाते में नॉमिनी के फायदे की जानकारी हासिल करने का संदेश दे रहा है. आरबीआई की ओर से भेजे गए संदेश में साफ तौर पर यह कहा गया है कि 'क्या आपने बैंक खाते में नामिती दर्ज किया है? इससे जमाकर्ताओं के बाद उनके दावों के निपटान में आसानी होती है. जानिए 14440 पर कॉल करके.' तो आइए, जानते हैं कि बैंक खाते में नॉमिनी दर्ज कराने पर किस तरह के फायदे मिलते हैं...?

Benefits of nominee : क्या आपके पास बैंक खाता है? यदि है, तो क्या आपने बैंक खाते में नॉमिनी का नाम दर्ज किया है? नहीं, तो आप आज ही घर बैठे आरबीआई द्वारा दिए गए नंबर पर फोन करके अपने बैंक खाते में नॉमिनी के नाम दर्ज कराने के फायदे जान सकते हैं. दरअसल, आरबीआई देश के तमाम खाताधारकों को एसएमएस भेजकर बैंक खाते में नॉमिनी के फायदे की जानकारी हासिल करने का संदेश दे रहा है.

आरबीआई की ओर से भेजे गए संदेश में साफ तौर पर यह कहा गया है कि ‘क्या आपने बैंक खाते में नामिती दर्ज किया है? इससे जमाकर्ताओं के बाद उनके दावों के निपटान में आसानी होती है. जानिए 14440 पर कॉल करके.’ तो आइए, जानते हैं कि बैंक खाते में नॉमिनी दर्ज कराने पर किस तरह के फायदे मिलते हैं…?

क्या है नॉमिनी?

दरअसल, जब हम बैंक में खाता खुलवाते हैं, तो हमसे हमारे बारे में पूरी जानकारी ली जाती है. इसके साथ ही, हमसे एक और जानकारी ली जाती है और वह है नॉमिनी, जिसे नामिती भी कहा जाता है. जब हम अकाउंट का फॉर्म भरते हैं तो फॉर्म में बैंक अकाउंट नॉमिनेशन का कॉलम भी होता है. क्या ये कोई जरूरी जानकारी होती है या फिर हम इसे स्किप कर सकते हैं? बहुत से लोगों को इसके बारे में नहीं पता होता है.

क्या है फायदा?

जिस व्यक्ति का बैंक में खाता होता है, वह उस खाते का खाताधारक कहलाता है. अगर खाताधारक की किसी कारण अचानक मौत हो जाए, तो उसका जितना भी पैसा बैंक खाते में होता है, वह उसके नॉमिनी को दिया जाता है. इसका मतलब यह कि नॉमिनी वह व्यक्ति होता है, जो खाताधारक की मौत के बाद उसके बैंक खाते से पैसे लेने का हकदार होता है.

नॉमिनी चुनने की क्या है प्रक्रिया?

सिंगल खाता या ज्वाइंट खाता के लिए नॉमिनी फॉर्म डीए-1 के जरिए चुना जा सकता है. खातेदार की मौत के बाद चुने गए व्यक्ति को यह फॉर्म बैंक के हर प्रकार के खाते के लिए लागू होता है. इसमें बचत खाता, रेकरिंग खाता, फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट, करंट अकाउंट आदि शामिल है. खाता खोलते समय यह फॉर्म भरा जाता है. अगर ऐसा नहीं किया है, तो बाद में भी इस फॉर्म को भरकर नॉमिनी चुन सकते हैं.

नॉमिनी का ऐसे कर सकते हैं बदलाव

अगर चुने गए नॉमिनी में बदलाव करना है, तो फॉर्म डीए-3 के जरिए किया जा सकता है. नॉमिनेशन रद्द करने के लिए फॉर्म डीए-2 का इस्तेमाल किया जाता है. नॉमिनेशन रद्द करते वक्त बेहतर यही होता है कि नए नॉमिनी के लिए तुरंत फॉर्म डीए-1 भर दिया जाए. नॉमिनी में फेरबदल कई बार किए जा सकते हैं. जरूरी है कि बैंक से नॉमिनेशन भरने की अर्जी की रसीद ली जाए. भरे गए नॉमिनेशन फॉर्म के फोटोकॉपी जरूर रखें.

कौन चुन सकता है नॉमिनी?

नॉमिनेशन सुविधा सिर्फ व्यक्तियों के लिए हैं. पार्टनरशिप फर्म, लिमिटेड कंपनी और ट्रस्टी नॉमिनी नहीं चुन सकते हैं. हालांकि, करंट अकाउंट होने पर कंपनियों के मालिकों को नॉमिनेशन की सुविधा मिल सकती है. खातेदार के नाबालिग होने की स्थिति में माता-पिता या अभिभावक नॉमिनी चुन सकते हैं. नॉमिनी के नाबालिग होने की स्थित में किसी वयस्क का भी चुनाव करना होगा, जो नॉमिनी की ओर से रकम स्वीकार करेगा. नॉमिनी के बालिग होने पर वह खुद ही रकम स्वीकार कर सकता है.

Posted By : Vishwat Sen

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