अमेरिका जाने के लिए अब H-1B वीजा पाना होगा महंगा, बाइडन प्रशासन ने फीस में भारी बढ़ोतरी का दिया प्रस्ताव
अमेरिका की प्रौद्योगिकी कंपनियां (आईटी कंपनियां) भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों पेशेवरों की नियुक्ति करती हैं. अमेरिका के गृह विभाग की ओर से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि यूएससीआईएस मुख्य रूप से आवेदकों से जुटाए गए शुल्क से वित्तपोषित होता है.
वाशिंगटन : अगर आप पेशेवर (प्रोफेशनल) हैं और अमेरिका जाकर नौकरी करना चाहते हैं, तो अब आपके लिए एच-1बी वीजा बनाना महंगा पड़ेगा. इसका कारण यह है कि अमेरिका में जो बाइडन प्रशासन ने एस-1बी वीजा के शुल्क में भारी बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव किया है. समाचार एजेंसी भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, जो बाइडन प्रशासन ने आव्रजन शुल्क में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है. इसमें उच्च कुशल विदेशी पेशेवरों में बेहद लोकप्रिय एच-1बी वीजा भी शामिल है.
एच-1बी वीजा के आवेदन शल्क में 320 डॉलर की बढ़ोतरी
अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) द्वारा बुधवार को प्रकाशित नियम के तहत एच-1बी वीजा के लिए आवेदन शुल्क 460 डॉलर से बढ़ाकर 780 डॉलर और एल-1 के लिए 460 डॉलर से बढ़ाकर 1,385 डॉलर करने का प्रस्ताव है. वहीं ओ-1 वीजा के लिए आवेदन शुल्क 460 डॉलर से बढ़ाकर 1,055 डॉलर करने का प्रस्ताव है. एच-1बी वीजा एक गैर-आव्रजक वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को विशेष प्रकार की नौकरियों जिनमें प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता की जरूरत होती है, के लिए रखने की सुविधा देता है.
भारत-चीन से सबसे अधिक नियुक्त करती हैं आईटी कंपनियां
बता दें कि अमेरिका की प्रौद्योगिकी कंपनियां (आईटी कंपनियां) भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों पेशेवरों की नियुक्ति करती हैं. अमेरिका के गृह विभाग की ओर से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि यूएससीआईएस मुख्य रूप से आवेदकों से जुटाए गए शुल्क से वित्तपोषित होता है. प्रस्तावित नियम के लिए 60 दिन की सार्वजनिक आपत्ति दर्ज करने की अवधि होगी. इसके बाद इसे लागू किए जाने की उम्मीद है.
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