Big Action of RBI : भारतीय रिजर्व (RBI) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र के संकटग्रस्त एक सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. केंद्रीय बैंक की इस कार्रवाई के बाद बैंक के लाखों ग्राहकों के खातों में जमा पैसों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, आरबीआई ने महाराष्ट्र के कराड में संकटग्रस्त ‘कराड जनता सहकारी बैंक’ का लाइसेंस रद्द कर दिया है.
केंद्रीय बैंक ने पर्याप्त पूंजी नहीं होने और बैंक की आमदनी से जुड़ी भविष्य की कमजोर संभावनाओं को देखते हुए यह कड़ा कदम उठाया है. इससे पहले नवंबर 2017 से ही कराड जनता सहकारी बैंक पर रिजर्व बैंक ने कुछ पाबंदियां लगाई थीं. आरबीआई ने कहा है कि लाइसेंस रद्द होने के बाद अब यह सहकारी बैंक पूरी तरह से बंद हो जाएगा.
किस नियम के तहत रद्द किया गया बैंक का लाइसेंस?
इसके साथ ही, रिजर्व बैंक ने बैंक का लिक्विडेटर नियुक्त करने का आदेश भी दिया था. आरबीआई के अनुसार, सेक्शन-22 के नियमों के तहत बैंक के पास अब पूंजी और कमाई की कोई गुंजाइश नहीं है. कराड बैंक बैंकिंग अधिनियम, 1949 की धारा-56 के पैमानों पर खरा नहीं उतरा.
जमाकर्ताओं को मिलेगा पूरा पैसा
अब बैंक को चालू रखना जमाकर्ताओं के हित में नहीं है. मौजूदा स्थिति में बैंक अपने जमाकर्ताओं को पूरा पैसा नहीं दे पाएगा. इसी वजह से उसका लाइसेंस रद्द किया गया है. साथ ही, केंद्रीय बैंक ने साफ कर दिया है कि लाइसेंस रद्द होने के बाद भी 99 फीसदी जमाकर्ताओं को उनकी मेहनत की कमाई वापस मिल जाएगी.
किस-किस का पैसा होगा रिटर्न?
इसके साथ ही, केंद्रीय बैंक ने यह भी साफ कर दिया है कि डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्ट, 1961 के तहत जमाकर्ताओं को बैंक के लिक्विडेशन पर 5 लाख तक की रकम वापस मिल जाएगी. इसलिए 99 फीसदी जमाकर्ताओं को बैंक में जमा अपनी पूरी रकम वापस मिल जाएगी.
डिपॉजिटर्स को कब मिलेगा पैसा?
आरबीआई ने कहा है कि बैंक के लाइसेंस को रद्द करने और लिक्विडेशन की कार्यवाही शुरू करने के साथ ही जमाकर्ताओं को पैसे लौटाने का की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. लाइसेंस रद्द करने का फैसला 7 दिसंबर के कामकाज के बाद प्रभावी हो गया है. इसके प्रभावी होने के साथ बैंक अब बैंकिंग से जुड़ी कोई गतिविधि नहीं कर पाएगा.
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Posted By : Vishwat Sen
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