ED ने संभावित बैंक ऋण घोटाले की जांच करते हुए धन शोधन विरोधी कानूनों के तहत अवंता समूह से 678 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति जब्त कर ली है. निदेशालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी. हरियाणा, महाराष्ट्र और उत्तराखंड में स्थित संपत्तियों को कुर्क करने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया गया था. ये संपत्तियां अवंता समूह की विभिन्न कंपनियों के स्वामित्व में हैं, जिसका नियंत्रण व्यवसायी गौतम थापर के पास है.
CBI ने कसा फंदा
19 अगस्त, 2019 को, CG Power और Industrial Solutions Limited ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को SEBI के नियमों के अनुसार कुछ महत्वपूर्ण विवरणों के बारे में सूचित किया. यह जानकारी कंपनी की वित्तीय स्थिति को प्रभावित करने वाली थी. ED के अनुसार CG Power की रिपोर्ट में उनकी संपत्ति और देनदारियों को बहुत कम करके आंका गया था. ऋणदाता बैंकों ने इस पर ध्यान दिया और SBI की शिकायत के बाद, CBI ने जून 2021 में CG Power, गौतम थापर, माधव आचार्य, केएन नीलकांत, बी हरिहरन, ओमकार गोस्वामी और कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों सहित अन्य लोगों के खिलाफ 2,435 करोड़ रुपये का बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.
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ED का यह है कहना
ED का मनी लॉन्ड्रिंग मामला इसी CBI एफआईआर से जुड़ा है. इससे पहले ईडी ने 14 करोड़ रुपये से ज़्यादा की संपत्ति जब्त की थी और पीएमएलए के तहत चार्जशीट दाखिल की थी. इसने कंपनी के एक “मुख्य अधिकारी” माधव आचार्य को भी गिरफ़्तार किया. ईडी ने कहा कि बाद में पता चला कि 1,307.06 करोड़ रुपये लोन लेकर अवंता ग्रुप की कंपनियों को ट्रांसफर किए गए थे. ED ने दावा किया कि इस पैसे का ज़्यादातर हिस्सा बोर्ड की “उचित मंज़ूरी के बिना” चुकाया गया था.
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