RBI का बड़ा एलान, बाकी बचे 18 हजार बैंक शाखाओं को भी जल्द ही CTS से जोड़ दिया जायेगा
RBI Hindi News मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को कहा कि भुगतान और निपटान प्रणाली को अधिक बेहतर, तेज और सटीक बनाने के लिए सभी शेष 18,000 शाखाएं, जो केंद्रीकृत समाशोधन प्रणाली ‘चेक ट्रंकेशन सिस्टम' (सीटीएस) के तहत नहीं हैं, उन्हें सितंबर तक सीटीएस के दायरे में लाया जायेगा. यह पेपर लेस सिस्टम होता है. जहां कोई पेपर वर्क नहीं होता.
RBI Hindi News मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को कहा कि भुगतान और निपटान प्रणाली को अधिक बेहतर, तेज और सटीक बनाने के लिए सभी शेष 18,000 शाखाएं, जो केंद्रीकृत समाशोधन प्रणाली ‘चेक ट्रंकेशन सिस्टम’ (सीटीएस) के तहत नहीं हैं, उन्हें सितंबर तक सीटीएस के दायरे में लाया जायेगा. यह पेपर लेस सिस्टम होता है. जहां कोई पेपर वर्क नहीं होता.
सीटीएस के तहत भुगतान और जमाओं के लिए कागज रहित अभौतिक सत्यापन किया जाता है. सीटीएस का इस्तेमाल 2010 से किया जा रहा है और इसके दायरे में लगभग 1,50,000 बैंक शाखाएं हैं. आरबीआई ने एक बयान में कहा कि चूंकि 18,000 बैंक शाखाएं अभी भी औपचारिक समाशोधन व्यवस्था के बाहर हैं.
परिचालन दक्षता को बढ़ाने और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए सितंबर तक उन्हें सीटीएस के दायरे में लाना प्रस्तावित है. केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि वह धोखाधड़ी और चालबाजी के खिलाफ डिजिटल भुगतान सेवाओं के लिए एक लगातार चालू रहने वाली एक हेल्पलाइन स्थापित करेगा.
आरबीआई ने कहा कि वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र को सरल और ग्राहकों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाने के लिए तीनों लोकपाल योजनाओं को मिलाकर ‘एक राष्ट्र एक लोकपाल’ के नजरिए को अपनाने का निर्णय लिया गया है. एकीकृत लोकपाल योजना जून में शुरू की जायेगी.
आरबीआई ने साथ ही कहा कि वह जल्द ही परिचालकों और अधिकृत भुगतान प्रणालियों के प्रतिभागियों के लिए आउटसोर्सिंग दिशा-निर्देश जारी करेगा. केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि बेहतर उपभोक्ता सुरक्षा उपायों के तहत वह तीन लोकपाल योजनाओं- बैंकिंग लोकपाल योजना, एनबीएफसी के लिए लोकपाल योजना और डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना, को एकीकृत करेगा.
Posted By: Amlesh Nandan.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.