बैंक ग्राहकों को बड़ा झटका, आरबीआई ने बढ़ाया इंटरचेंज फीस, जानें आप पर क्या पड़ेगा असर
ATM Transaction Fee Hike मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को एटीएम में प्रत्येक वित्तीय लेनदेन पर इंटरचेंज शुल्क (ATM interchange fee) 15 रुपये से बढ़ाकर 17 रुपये कर दिया. वहीं ग्राहकों को भी एक बड़ा झटका देते हुए मुफ्त लेनदेन की सीमा खत्म होने के बाद हर लेन देने के लिए लगने वाला शुल्क भी बढ़ा दिया है. कैश ट्रांजेक्शन के लिए इसे बढ़ाकर 21 रुपये प्रति लेनदेन कर दिया गया, जो पहले 20 रुपये था. यह वृद्धि बैंकों के लिए इंटरचेंज पर अधिक खर्च को ध्यान में रखकर किया गया है. यह 1 जनवरी 2022 से प्रभावी होगा.
ATM Transaction Fee Hike मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को एटीएम में प्रत्येक वित्तीय लेनदेन पर इंटरचेंज शुल्क (ATM interchange fee) 15 रुपये से बढ़ाकर 17 रुपये कर दिया. वहीं ग्राहकों को भी एक बड़ा झटका देते हुए मुफ्त लेनदेन की सीमा खत्म होने के बाद हर लेन देने के लिए लगने वाला शुल्क भी बढ़ा दिया है. कैश ट्रांजेक्शन के लिए इसे बढ़ाकर 21 रुपये प्रति लेनदेन कर दिया गया, जो पहले 20 रुपये था. यह वृद्धि बैंकों के लिए इंटरचेंज पर अधिक खर्च को ध्यान में रखकर किया गया है. यह 1 जनवरी 2022 से प्रभावी होगा.
बता दें कि हर बार बैंक ए के ग्राहक बैंक बी द्वारा तैनात एटीएम में लेनदेन करने के लिए अपने कार्ड का उपयोग करते हैं, बैंक ए को बैंक बी को शुल्क का भुगतान करना होता है. इसे ही इंटरचेंज शुल्क कहा जाता है. वर्षों से, निजी बैंक और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर इंटरचेंज शुल्क को 15 रुपये से बढ़ाकर 18 रुपये करने की मांग कर रहे थे. दूसरे शब्दों में, अन्य बैंकों के एटीएम का मुफ्त सीमा से अधिक उपयोग करना अब ग्राहकों के लिए भी महंगा होगा.
आरबीआई ने कहा कि उच्च इंटरचेंज शुल्क के लिए बैंकों को क्षतिपूर्ति करने के लिए और लागत में सामान्य वृद्धि को देखते हुए, उन्हें ग्राहक शुल्क को प्रति लेनदेन 21 रुपये तक बढ़ाने की अनुमति है. यह वृद्धि 1 जनवरी, 2022 से प्रभावी होगी. गुरुवार को घोषित किये गये बदलाव भारतीय बैंक संघ के मुख्य कार्यकारी की अध्यक्षता में जून 2019 में गठित एक समिति की सिफारिशों पर आधारित हैं.
आरबीआई ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा कि समिति की सिफारिशों की व्यापक जांच की गई है. यह भी देखा गया है कि एटीएम लेनदेन के लिए इंटरचेंज शुल्क संरचना में अंतिम परिवर्तन अगस्त 2012 में किया गया था. जबकि ग्राहकों द्वारा देय शुल्कों को अंतिम बार अगस्त 2014 में संशोधित किया गया था. इस प्रकार इन शुल्कों को अंतिम बार बदले जाने के बाद से काफी समय बीत चुका है.
ग्राहक शुल्क में वृद्धि के पीछे का कारण बताते हुए, शीर्ष बैंक ने कहा कि एटीएम की तैनाती की बढ़ती लागत और बैंकों / व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों द्वारा किये गये एटीएम रख-रखाव के खर्च को देखते हुए, साथ ही हितधारक संस्थाओं की अपेक्षाओं को संतुलित करने की आवश्यकता पर विचार करते हुए और ग्राहक सुविधा को ध्यान में रखकर यह फैसला किया गया है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने नवीनतम आदेश में यह भी कहा है कि ग्राहक अपने स्वयं के बैंक एटीएम से हर महीने पांच मुफ्त लेनदेन (वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेन सहित) के लिए पात्र हैं. आरबीआई के आदेश में उल्लेख किया गया है कि वे अन्य बैंक एटीएम से मेट्रो केंद्रों में तीन लेनदेन और गैर-मेट्रो केंद्रों में पांच मुफ्त लेनदेन (वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेन सहित) के लिए भी पात्र हैं.
Posted By: Amlesh Nandan.
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