गौतम अडानी को बड़ा झटका, NSDL ने फ्रीज किये 43,500 करोड़ के खाते, शेयरों में हेराफेरी की भी हो रही जांच
मुंबई : गौतम अडानी (Gautam Adani) को बड़ा झटका लगा है. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) ने तीन विदेशी फंडों - अल्बुला इन्वेस्टमेंट फंड (Albula Investment Fund), क्रेस्टा फंड (Cresta Fund) और एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड (APMS Investment Fund) के खातों को फ्रीज कर दिया है. इनके पास अडानी समूह (Adani Groups) की चार कंपनियों में 43,500 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर हैं. डिपॉजिटरी की वेबसाइट के अनुसार, इन खातों को 31 मई या उससे पहले फ्रीज कर दिया गया था.
मुंबई : गौतम अडानी (Gautam Adani) को बड़ा झटका लगा है. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) ने तीन विदेशी फंडों – अल्बुला इन्वेस्टमेंट फंड (Albula Investment Fund), क्रेस्टा फंड (Cresta Fund) और एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड (APMS Investment Fund) के खातों को फ्रीज कर दिया है. इनके पास अडानी समूह (Adani Groups) की चार कंपनियों में 43,500 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर हैं. डिपॉजिटरी की वेबसाइट के अनुसार, इन खातों को 31 मई या उससे पहले फ्रीज कर दिया गया था.
इसकी जानकारी मिलने के साथ ही अडानी के शेयरों में तेजी से गिरवट दर्ज की गयी. विदेशी निवेशकों को संभालने वाले कस्टोडियन बैंकों और कानून फर्मों के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि तीनों खातों पर मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अनुसार लाभकारी स्वामित्व के बारे में अपर्याप्त जानकारी उपलब्ध कराने के कारण रोक लगायी गयी है.
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कस्टोडियन आमतौर पर इस तरह की कार्रवाई से पहले अपने ग्राहकों को चेतावनी देते हैं. लेकिन अगर फंड जवाब नहीं देता है या अनुपालन करने में विफल रहता है, तो खातों को फ्रीज किया जा सकता है. अकाउंट फ्रीज होने का मतलब है कि फंड न तो मौजूदा सिक्योरिटीज को बेच पायेंगे और न ही कोई नयी सिक्योरिटीज खरीद पायेंगे.
एनएसडीएल, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और अदानी समूह को भेजे गये ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला. अल्बुला, क्रेस्टा और एपीएमएस किसी भी प्रकार का संवाद नहीं किया. तीनों फंड सेबी के पास विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के रूप में पंजीकृत हैं और मॉरीशस से बाहर हैं. संस्थाएं, जो पोर्ट लुइस में एक ही पते पर पंजीकृत हैं और जिनके पास वेबसाइट नहीं है.
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इन कंपनियों के पास अडानी एंटरप्राइजेज (एनएसई) में 6.82 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन में 8.03 फीसदी और अडानी टोटल गैस में 5.92 फीसदी और अडानी ग्रीन में 3.58 फीसदी हिस्सेदारी है. इसकी कुल वैल्यू 43,500 करोड़ रुपये से अधिक है. अडानी समूह के पास कुछ छह लिस्टेड कंपनियां हैं. बाकी बची दो कंपनियां अडानी पोर्ट और अडानी पावर है.
क्या है नया नियम
पूंजी बाजार नियामक ने 2019 में पीएमएलए के अनुरूप एफपीआई के लिए केवाईसी दस्तावेज में सुधार किया था. नये मानदंडों का पालन करने के लिए फंड को 2020 तक का समय दिया गया था, जिसमें विफल रहने पर उनके डीमैट खातों को फ्रीज कर दिया जाना था. नये नियमों के तहत, एफपीआई को कुछ अतिरिक्त विवरण जमा करने की आवश्यकता थी. जिसमें सामान्य स्वामित्व पर खुलासे और फंड के प्रमुख कर्मचारियों जैसे फंड मैनेजरों के व्यक्तिगत विवरण शामिल थे.
एक साल में अडानी के शेयर 200 से 1000 फीसदी बढ़े, सेबी कर रहा जांच
दूसरी ओर सेबी भी इस बात की जांच कर रहा है कि क्या अडानी समूह के शेयरों में कीमतों में हेरफेर हुआ है, जो पिछले एक साल में 200 से 1000 फीसदी के बीच बढ़े हैं. मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि सेबी ने 2020 में जांच शुरू की थी और जांच अभी भी जारी है. पिछले एक साल में अडानी ट्रांसमिशन के शेयरों में 669 फीसदी, अडानी टोटल गैस के शेयरों में 349 फीसदी, अडानी एंटरप्राइज के शेयरों में 972 फीसदी और अडानी ग्रीन के शेयरों में 254 फीसदी की वृद्धि हुई है1
इस अवधि में अडानी पोर्ट्स और अडानी पावर ने क्रमश: 147 फीसदी और 295 फीसदी की बढ़त हासिल की है1 अडानी समूह का कुल बाजार पूंजीकरण शुक्रवार को 9.5 लाख करोड़ रुपये था, जिससे अध्यक्ष गौतम अडानी एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गये. अडानी ट्रांसमिशन में प्रमोटर ग्रुप की 74.92 फीसदी, अदानी एंटरप्राइजेज में 74.92 फीसदी, अदाणी टोटल गैस में 74.80 फीसदी और अदाणी ग्रीन में 56.29 फीसदी हिस्सेदारी है.
Posted By: Amlesh Nandan.
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