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शुक्रवार को करीब 1,940 अंक लुढ़क गया बीएसई का सेंसेक्स
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15,000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे आ गया निफ्टी
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बॉन्ड बाजार में चौतरफा बिकवाली से सबसे बड़ी गिरावट दर्ज
Big decline in stock market : वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के कारण भारतीय शेयर बाजार में 10 महीने की सबसे गिरावट से निवेशकों को करीब 5.3 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया. बाजार बंद होने पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5,37,375.94 करोड़ रुपये घटकर 2,00,81,095.73 करोड़ रुपये रह गया. इन कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 25 फरवरी को 2,06,18,471.67 करोड़ रुपये था.
1900 अंकों से अधिक नीचे गिरा सेंसेक्स
बता दें कि वैश्विक बाजारों में गिरावट के बीच बीएसई का प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स शुक्रवार को करीब 1,940 अंक लुढ़क गया. यह 10 महीने की सबसे बड़ी गिरावट है. एनएसई निफ्टी भी 568 अंक से अधिक का गोता लगाकर 15,000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे आ गया.
बॉन्ड बाजार में तेज रहा बिकवाली का दौर
वैश्विक स्तर पर बॉन्ड बाजार में तेजी के बीच चौतरफा बिकवाली से यह गिरावट आई. इसके अलावा, निवेशक तीसरी तिमाही के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के आंकड़े आने से पहले सतर्क दिखे. साथ ही, उनकी अमेरिका और सीरिया के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव पर भी नजर है.
सेंसेक्स में 23 मई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट
30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,939.32 अंक यानी 3.80 फीसदी लुढ़क कर 49,099.99 अंक पर बंद हुआ. पिछले साल चार मई के बाद एक दिन में यह सबसे बड़ी गिरावट है. इसी प्रकार, एनएसई निफ्टी 568.20 अंक यानी 3.76 प्रतिशत का गोता लगाकर 14,529.15 अंक पर बंद हुआ. पिछले साल 23 मई के बाद किसी एक दिन में एनएसई में यह सबसे बड़ी गिरावट है.
नुकसान में रहे 30 शेयर
सेंसेक्स के सभी 30 शेयर नुकसान में रहे. आठ शेयरों में 5 फीसदी से अधिक का नुकसान हुआ. खंडवार सूचकांकों में बैंक सूचकांक में 4.8 फीसदी से अधिक की गिरावट आई. वित्तीय और दूरसंचार सूचकांकों में भी क्रमश: 4.9 फीसदी और 3.85 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
निवेशकों में दिखी घबराहट
मोतीलाल ओसवाल के इक्विटी रणनीति, ब्रेकिंग और वितरण मामलों के प्रमुख हेमांग जानी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर बॉन्ड पर रिटर्न में तेजी से इक्विटी बाजार नीचे आया. वैश्विक बॉन्ड बाजार में निवेश पर प्रतिफल की दर में तेज उछाल के चलते शेयर बाजारों में निवेशकों में घबराहट दिखी.
अमेरिका-सीरिया के राजनीतिक तनाव का बाजार पर असर
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बॉन्ड प्रतिफल में तीव्र वृद्धि से उत्पन्न वैश्विक उथल-पुथल का असर घरेलू बाजार पर पड़ा और इसमें गिरावट आई. अमेरिका और सीरिया के बीच भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से भी बाजार पर असर पड़ा. इसके अलावा, शुक्रवार को जारी होनेवाले जीडीपी आंकड़े से पहले निवेशक थोड़े सतर्क दिखे.
एशिया-यूरोप के बाजारों में भी गिरावट
एशिया के अन्य बाजारों में भी भारी गिरावट रही. भारतीय समय के अनुसार दोपहर बाद खुले यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी गिरावट का रुख रहा. अमेरिकी में ट्रेजरी बिलों (अल्पकालिक सरकारी प्रतिभूतियों) पर रिटर्न में तीव्र वृद्धि के बाद वाल स्ट्रीट में मुख्य शेयर सूचकांकों में भारी गिरावट आई. इसका दुनिया के ज्यादातर बाजारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा. इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 1.16 फीसदी की गिरावट के साथ 65.34 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. विदेशी विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 104 पैसे लुढ़क कर 73.47 पर बंद हुआ.
Posted By : Vishwat Sen
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