Home Loan पर बड़ी राहत, अक्टूबर से कम हो सकती है ईएमआई

Home Loan: आरबीआई महंगाई को कम करने के प्रयास में फरवरी, 2023 से अगस्त 2024 के बीच लगातार नौंवी बार नीतिगत ब्याज दर रेपो को 6.50% पर बरकरार रखे हुए है. अगस्त 2024 में थोक महंगाई लगातार दूसरे महीने घटकर 1. 31% पर आ गई है.

By KumarVishwat Sen | September 20, 2024 6:27 PM
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Home Loan: होम लोन लेने वालों के लिए बड़ी राहत मिलने वाली है. आपके होम लोन की ईएमआई यानी मासिक किस्त जल्द ही कम सकती है. इसका कारण यह है कि चुनावी साल में अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने प्रमुख ब्याज दरों में करीब 50 बेसिस प्वाइंट या 0.50% तक कटौती कर दी है. इसके बाद उम्मीद यह जाहिर की जा रही है कि 7 अक्टूबर से होने वाली भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक समिति की होने वाली बैठक में रेपो रेट में कटौती की जा सकती है. आरबीआई की ओर से नीतिगत ब्याज दरों में कटौती करने पर होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन आदि की ईएमआई घटने की उम्मीद है.

फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में कटौती कर दिखाई राह

अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने महंगाई के सीमित दायरे में आने के बाद ब्याज दरों में कटौती करके दुनिया के दूसरे केंद्रीय बैंकों को राह दिखाई है. कोरोना महामारी के समाप्त होने के बाद आर्थिक गतिविधियां शुरू होने से अर्थव्यवस्थाएं पटरी पर लौट गई हैं और महंगाई भी धीरे-धीरे धीमी पड़ती जा रही है. फेडरल रिजर्व ने दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं का आकलन करते हुए अपनी नीतिगत ब्याज दरों में 0.50% की कटौती करने का फैसला किया है. इस कटौती के साथ प्रमुख ब्याज दर 4.75% से 5.0% के दायरे में आ गई है. इससे पहले, यह 5.25% से 5.50% के दायरे में थी, जो दो दशक का उच्चतम स्तर है. फेडरल रिजर्व के कदम से उपभोक्ताओं और कंपनियों के लिए कर्ज लेना सस्ता होगा.

आरबीआई भी ब्याज दरों में कर सकता है कटौती

फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 0.50% कटौती किए जाने के बाद अब भारत में भी आरबीआई की ओर से नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद की जा रही है. भारत में भी थोक और खुदरा महंगाई में गिरावट आ रही है. आर्थिक मामलों के सचिव (डीईए) अजय सेठ की मानें, तो फेडरल रिजर्व बैंक की ब्याज दर में कटौती का भारत में विदेशी निवेश पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. फेडरल रिजर्व ने वही किया है, जो उसे दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए सही लगा. आरबीआई को भी भारतीय अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए ब्याज दरों में कटौती का फैसला कर लेना चाहिए. हालांकि, इस बारे में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) को सही समय पर निर्णय लेना है. उनका निर्णय इस बात पर आधारित होगा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए क्या उचित है.

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मौद्रिक नीति समिति की करेगी रेपो रेट में कटौती का फैसला

आरबीआई महंगाई को कम करने के प्रयास में फरवरी, 2023 से अगस्त 2024 के बीच लगातार नौंवी बार नीतिगत ब्याज दर रेपो को 6.50% पर बरकरार रखे हुए है. अगस्त 2024 में थोक महंगाई लगातार दूसरे महीने घटकर 1. 31% पर आ गई है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अभी हाल ही में कहा है कि नीतिगत ब्याज दर में कटौती महंगाई की दीर्घकालीन दर पर निर्भर करेगी न कि मासिक आंकड़ों पर फैसला किया जाएगा. गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति की बैठक 7 से 9 अक्टूबर के बीच होनी है. बैठक में नीतिगत दर में कटौती पर निर्णय किया जाएगा.

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रेपो रेट कटौती से सस्ता होगा लोन

आरबीआई की ओर से अगर अक्टूबर 2024 में द्विमासिक समीक्षा के दौरान रेपो रेट में कटौती की जाती है, तो उसके प्रभाव से आम आदमी का लोन सस्ता हो सकता है. लोन सस्ता होने पर होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन और कॉरपोरेट लोन सस्ते होने के साथ-साथ उनकी ईएमआई भी घट सकती है. उम्मीद यह की जा रही है कि आरबीआई अक्टूबर में 0.25% से 0.50% तक ब्याज दर में कटौती कर सकता है.

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