को एक बड़ी राहत मिल गयी है. केंद्रीय बोर्ड ने ईपीएफओ कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. कर्मचारियों के आकस्मिक निधन पर परिजनों को दी जाने वाली एक्स-ग्रेसिया डेथ रिलीफ फंड की रकम दोगुनी कर दी गयी है.
यह बड़ा फैसला है इससे लोगों को मिलने वाली राहत और बड़ जायेगी और परिवार को मजबूती मिलेगी. इस फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करने का फैसला लिया गया है. इसके लिए ईपीएफओ ने इसके लिए सभी कार्यालयों को सर्कुलर जारी कर दिया है.
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इस सर्कुलर में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत को शामिल नहीं किया गया है. केंद्रीय बोर्ड ने यह स्पष्ट कर दिया है. साथ ही बताया है कि ईपीएफओ कर्मचारी की आकस्मिक मौत पर अब आश्रितों को 8 लाख रुपये मिलेंगे. ध्यान रहे कि इससे पहले 2006 में सिर्फ 5000 रुपये ही आश्रित को दिए जाते थे.
इसके बाद इसे बढ़ाकर 4.20 लाख रुपये किया गया. अब यह भी तय हुआ है कि हर तीन साल में इसमें 10 फीसदी बढ़ोतरी की कोशिश की जाएगी. यह रकम बोर्ड के हर कर्मचारी के लिए एक समान है. अगर सेंट्रल बोर्ड के किसी कर्मचारी की मौत कोरोना वायरस के कारण हुई है, तो 28 अप्रैल 2020 का आदेश माना जाएगा.
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अगर कोरोना संक्रमण से मौत हुई तो तो आश्रित परिवार को कोविड-19 राहत योजना के तहत हर महीने आर्थिक सहायता दी जायेगी. बीमित कर्मचारी के औसत दैनिक वेतन का 90 फीसदी हिस्सा आश्रितों को हर महीने दिया जाएगा. मृतक की पत्नी को आजीवन या दूसरी शादी करने तक, बेटे को 25 साल का होने तक और बेटी को शादी होने तक यह लाभ मिलेगा. इसमें न्यूनतम राहत 1,800 रुपये प्रतिमाह होगी.
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