Big relief to Modi government, Manufacturing PMI : कोरोना काल के दौरान देश में अनलॉक प्रक्रिया के छठे चरण में विनिर्माण क्षेत्र ने मोदी सरकार को बड़ी राहत दी है. देश की विनिर्माण गतिविधियों में अक्टूबर में लगातार तीसरे महीने सुधार हुआ है. सोमवार को जारी एक मासिक सर्वे के अनुसार, बिक्री में सुधार के बीच कंपनियों के उत्पादन में 13 साल की (अक्टूबर, 2007 के बाद) सबसे तेज वृद्धि हुई है.
आईएचएस मार्किट इंडिया का विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) अक्टूबर में बढ़कर 58.9 पर पहुंच गया, जो सितंबर में 56.8 था. यह क्षेत्र की सेहत में पिछले एक दशक से अधिक का सबसे अच्छा सुधार है. लगातार 32 महीने तक वृद्धि दर्ज करने के बाद अप्रैल में इस सूचकांक में गिरावट आई थी. पीएमआई के 50 से ऊपर होने का मतलब गतिविधियों के विस्तार से है और 50 से नीचे होने का मतलब संकुचन से होता है.
मैन्यूफैक्चरर्स के पास आने लगे नए ऑर्डर
आईएचएस मार्किट की इकनॉमिक्स एसोसिएट निदेशक पोलीअन्ना डे लीमा ने कहा कि भारतीय विनिर्माताओं के पास नए ऑर्डर आ रहे हैं और उत्पादन में भी कोविड-19 की वजह से पैदा हुई अड़चनों के बाद सुधार हो रहे हैं. अक्टूबर के पीएमआई आंकड़ों में उल्लेखनीय विस्तार हुआ है.
आने वाले महीनों में भी सप्लाई में जारी रहेगी ग्रोथ
लीमा ने कहा कि कंपनियों को इस बात का भरोसा है कि बिक्री में वृद्धि आगामी महीनों में भी टिकी रहेगी. इस बात का संकेत कंपनियों द्वारा विनिर्माण में काम आने वाले सामान की खरीद से पता चलता है. विनिर्माताओं का कहना है कि कोविड-19 के अंकुशों में ढील, बेहतर बाजार परिस्थितियों और मांग में सुधार की वजह से उन्हें अक्टूबर में नए ऑर्डर मिले हैं.
ऑर्डर में सुधार के बावजूद कंपनियों ने की कर्मचारियों की छंटनी
सर्वे में कहा गया है कि ऑर्डरों में सुधार के बावजूद भारत में विनिर्माताओं ने अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती की है. कई मामलों में सामाजिक दूरी दिशानिर्देशों के अनुपालन के लिए ऐसा किया जा रहा है. यह लगातार सातवां महीना है, जब रोजगार घटा है. लीमा ने कहा कि जो एक क्षेत्र अभी चिंता पैदा करता है, वह है रोजगार. कुछ कंपनियों को कर्मचारियों की नियुक्ति में दिक्कतें आ रही हैं, जबकि कुछ अन्य का कहना है कि महामारी के प्रसार पर अंकुश के उपायों की वजह से उन्हें अपने कर्मचारियों की संख्या घटानी पड़ रही है.
कम हुआ है मुद्रास्फीतिक दबाव
सर्वे के अनुसार, इस दौरान मुद्रास्फीतिक दबाव कुछ कम हुआ है. विनिर्माण के सामान के दामों में मामूली बढ़ोतरी हुई है. वहीं, बिक्री मूल्य भी थोड़ा ही बढ़ा है. लीमा ने कहा कि आगे के साल के लिए उत्पादन परिदृश्य में सुधार हुआ है. कंपनियों को उम्मीद है कि कोविड-19 के मामले घटने तथा अन्य कारोबार क्षेत्रों के खुलने से उत्पादन में अच्छी वृद्धि दर्ज होगी.
Posted By : Vishwat Sen
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