Inflation Rate: मोदी सरकार को चार महीने बाद मिली बड़ी राहत, दिसंबर में थोक महंगाई दर में आयी नरमी
Inflation Rate: महंगाई के मोर्चे पर मोदी सरकार को चार महीने बाद बड़ी राहत मिली है. पांचवें महीने थोक महंगाई दर घटकर 13.59 फीसदी रह गयी है.
नयी दिल्ली: खुदरा महंगाई (Inflation Rate) ने सरकार की मुश्किलें बढ़ायीं, तो थोक महंगाई ने उसे बड़ी राहत दी है. दिसंबर में थोक मूल्य आधारित महंगाई घटकर 13.56 फीसदी हो गयी. हालांकि, वर्ष 2020 से अगर इस महंगाई की तुलना करेंगे, तो यह बहुत ज्यादा है. दिसंबर 2020 में थोक महंगाई 1.95 फीसदी थी. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा है कि महंगाई का जो आंकड़ा है, वह प्रोविजनल है.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा है कि पेट्रोलियम पदार्थों के अलावा मेटल, क्रूड पेट्रोलियम, नैचुरल गैस, केमिकल प्रोडक्ट, खाद्या उत्पाद एवं टेक्साइट आदि के क्षेत्र में तेजी की वजह से महंगाई दर बहुत ऊंची रही. बता दें कि खाद्यान्न की कीमतों में भारी तेजी के बावजूद कई ऐसे क्षेत्र रहे, जहां कीमतों में नरमी आयी. अगर ऐसा नहीं होता, तो महंगाई की दर और ज्यादा होती.
रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य उत्पादों की कीमतों में भारी वृद्धि के बावजूद ईंधन, ऊर्जा और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में नरमी आने के कारण थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर 2021 में कम होकर 13.56 फीसदी हो गयी. इससे पहले चार महीने तक मुद्रास्फीति में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी. थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति में गिरावट आने के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगले महीने अपनी मौद्रिक नीति में दरों को स्थिर रख सकता है.
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आरबीआई मौद्रिक नीति की घोषणा 9 फरवरी को करेगा. अप्रैल से लगातार नौंवें महीने थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति दहाई अंक में बनी हुई है. पिछले साल नवंबर में मुद्रास्फीति 14.23 फीसदी थी, जबकि दिसंबर 2020 में यह 1.95 फीसदी थी. खाद्य वस्तुओं में मुद्रास्फीति दिसंबर में 23 महीने के उच्चतम स्तर 9.56 फीसदी पर पहुंच गयी. नवंबर में यह 4.88 फीसदी थी.
Annual rate of inflation for Dec 2021 is 13.56% (provisional), as compared to 1.95% in Dec 2020. High rate is primarily due to rise in prices of mineral oils, basic metals, crude petroleum, natural gas, chemical products, food products, textile etc: Ministry of Commerce &Industry pic.twitter.com/mkk3XCzS2K
— ANI (@ANI) January 14, 2022
सब्जियों ने महंगाई की आग में घी डाला
सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी नंवबर के 3.91 फीसदी की तुलना में दिसंबर में 31.56 फीसदी हो गयी. खाद्य सामग्रियों की श्रेणी में दालें, गेहूं, अनाज और धान में नवंबर की तुलना में दिसंबर में कीमतें बढ़ीं जबकि आलू, प्याज, फल और अंडा, मांस तथा मछली के दामों में नरमी आयी.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘दिसंबर 2021 में मुद्रास्फीति की दर मुख्य रूप से खनिज तेलों, मूल धातुओं, कच्चे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, रसायन और रासायनिक उत्पादों, खाद्य उत्पादों, कपड़ा, कागज और कागज के उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण इससे पिछले साल इसी महीने की तुलना में ज्यादा है.’
विनिर्मित वस्तुओं की मुद्रास्फीति दिसंबर में 10.62 फीसदी थी, जबकि इससे पहले के महीने में यह इससे अधिक 11.92 फीसदी थी. दिसंबर में ईंधन और विद्युत वर्ग में मुद्रास्फीति 32.30 प्रतिशत हो गयी, जबकि नवंबर में यह 39.81 प्रतिशत थी.
0.1 फीसदी थी महंगाई दर अक्टूबर 2021 में
इससे पहले जारी आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर, 2021 में बढ़कर 5.59 प्रतिशत हो गयी. रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति अक्टूबर 2021 में 0.1 फीसदी थी, जो दिसंबर 2021 में 23 महीने के उच्चतम स्तर 9.6 फीसदी पर पहुंच गयी.
Posted By: Mithiilesh Jha
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