रक्षा क्षेत्र में बड़ी सफलता : US के लिए भारत में बनाया जाएगा कारतूस, अमेरिकी सेना की राइफलों और कारबाइनों में होगा इस्तेमाल

Big success for India in defense sector : बोर्ड के अनुसार, महाराष्ट्र के वरनगांव स्थित ओएफबी प्लांट में अमेरिका के लिए 5.56X 45 एमएम नाटो एम193 बॉलएम्युनिशेन तैयार किया जा रहा है. ओएफबी को इसके निर्यात का ऑर्डर पिछले महीने यानि अक्टूबर में सीधे अमेरिका से मिला था.

By KumarVishwat Sen | November 9, 2020 9:04 PM

Big success for India in defense sector : गोला-बारूद के निर्माण और निर्यात की दिशा में भारत को बड़ी सफलता मिली है. अब भारत में अमेरिका के लिए कारतूस का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए ऑर्डनेन्स फैक्ट्री बोर्ड (OFB) को अमेरिका से ऑर्डर मिला है. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ओएफबी के अनुसार, भारत में अमेरिका के लिए नाटो एम-193 बॉल एम्युनिशन (NATO M-193 Ball Ammunition) का निर्माण महाराष्ट्र स्थित ओएफबी के प्लांट में किया जा रहा है. नाटो एम-193 बॉल एम्युनिशन कारतूस का ही दूसरा नाम है. उम्मीद यह जाहिर की जा रही है कि चालू वित्त वर्ष में इसकी आपूर्ति पूरी हो जाएगी.

बोर्ड के अनुसार, महाराष्ट्र के वरनगांव स्थित ओएफबी प्लांट में अमेरिका के लिए 5.56X 45 एमएम नाटो एम193 बॉलएम्युनिशेन तैयार किया जा रहा है. ओएफबी को इसके निर्यात का ऑर्डर पिछले महीने यानि अक्टूबर में सीधे अमेरिका से मिला था. इस निर्यात ऑर्डर को इसी वित्तीय वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा. जितनी भी कारतूस बनाने का ऑर्डर मिला है, उसे चालू वित्तीय वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा. हालांकि, ओएफबी ने अमेरिका के लिए बनाए जाने वाले कारतूसों की संख्या और उसकी लागत का खुलासा नहीं किया है.

अमेरिकी सेना में होगा भारत से बने कारतूस का इस्तेमाल

दरअसल, ओएफबी द्वारा भारत में अमेरिका के लिए बनाए जाने वाले कारतूसों का इस्तेमाल वहां की सेना में किया जाएगा. अमेरिकी सेना नाटो एम-193 बॉल एम्युनिशन का इस्तेमाल अपनी राइफल और कारबाइन के लिए करती है. काफी लंबे समय से अमेरिका और दूसरे नाटो देशों की सेनाएं इस कारतूस का इस्तेमाल करती आ रही हैं. इसी जरूरत के लिए अब अमेरिका भारत की मदद ले रहा है.

ओएफबी को मिली बड़ी राहत

हालांकि, ओएफबी की कार्यशैली को लेकर विवाद भी खड़ा होता रहा है, लेकिन अमेरिका से कारतूस निर्यात का ऑर्डर मिलना ऑर्डनेंस बोर्ड के साथ-साथ देश के लिए एक बड़ी सफलता है. इसका कारण यह है कि अभी तक भारत की पहचान दुनिया के सबसे बड़े हथियार आयातक देश के तौर पर है, लेकिन पिछले कुछ समय से मोदी सरकार रक्षा क्षेत्र में निर्यात पर जोर दे रही है.

2025 तक रक्षा क्षेत्र में 35 हजार करोड़ के निर्यात का लक्ष्य

रक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2025 तक रक्षा क्षेत्र में करीब 5 बिलियन डॉलर यानि करीब 35,000 करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य रखा है. वर्ष 2018-19 में भारत का रक्षा क्षेत्र में निर्यात करीब 11 हजार करोड़ का था (10,745 करोड़), जो 2016-17 के मुकाबले सात गुना ज्यादा था.

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Posted By : Vishwat Sen

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