Bill Gates Tweet: बिल गेट्स ने 25 साल बाद दिया इस कठिन सवाल का जवाब, देखें ट्वीट

बिल गेट्स ने ट्वीट करते हुए लिखा, आज से 25 साल पहले मुझसे सवाल पूछा गया था कि बच्चे क्यों मरते हैं? उन्होंने बताया, यह सवाल अब तक के सबसे महत्वपूर्ण प्रशनों में से एक है. उन्होंने कहा कि एक ही वाक्य में बच्चे और मर शब्दों को देखना भी चौंकाने वाला है.

By Piyush Pandey | September 8, 2022 9:41 AM
an image

दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में रहने वाले बिल गेट्स ने बुधवार को खुलासा किया कि उनके जीवन में सबसे कठीन सवाल क्या पूछा गया था. बिल गेट्स ने ट्विटर के माध्यम से अपने चाहने वालों को बताया कि, उनसे 25 साल पहले एक सवाल पूछा गया था, तब से आज तक वे इस सवाल का जवाब के बारे में सोचते हैं. बता दें कि कंप्युटर प्रोग्रामिंग में महारत हासिल कर चुके बिल गेट्स पहेल भी पर्यावरण समेत कई मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते रहे हैं.


बिल गेट्स को पूछे गए सवाल चौकाने वाले

बिल गेट्स ने ट्वीट करते हुए लिखा, आज से 25 साल पहले मुझसे सवाल पूछा गया था कि बच्चे क्यों मरते हैं? उन्होंने बताया, यह सवाल अब तक के सबसे महत्वपूर्ण प्रशनों में से एक है. उन्होंने कहा कि एक ही वाक्य में बच्चे और मर शब्दों को देखना भी चौंकाने वाला है. गेट्स ने अपने एक ब्लॉग में यह लिखा है कि, यह सोचना भी बेहद मुश्किल है कि एक समाज विशेष रूप से कमजोर बच्चों की रक्षा कैसे कर रहा है. हम ऐसे कमजोर बच्चों को समझने के लिए बच्चों को बचाने के लिए कर सकते हैं.

बाल मृत्यु दर आसान विषय नहीं- बिल गेट्स 

बिल गेट्स ने यह भी स्वीकार किया कि बाल मृत्यु दर के बारे में बात करना आसान विषय नहीं है. उन्होंने लिखा, एक अभिभावक के रूप में, मैं कल्पना नहीं कर सकता कि एक बच्चे को खोना कैसा होगा. उन्होंने कहा, यह बहुत अच्छी खबर है कि पिछले कई दशकों में दुनिया ने इस क्षेत्र में कई अभूतपूर्व कार्य किया है. उन्होंने बताया कि 1990 के बाद से हर साल बच्चों की संख्या में आधे से अधिक की गिरावट आई है.

Also Read: Bill-Melinda Divorce: Microsoft की फीमेल इंप्लॉई से था बिल गेट्स का ‘अफेयर’, जानिए किस कारण से देना पड़ा था इस्तीफा
वैश्विक स्तर बाल मृत्यु दर में आई गिरावट 

गेट्स ने अपने ट्वीट में आगे लिखा, वैश्विक स्तर पर बाल मृत्यु दर में गिरावट देखा जा रहा है. पिछले कुछ वर्षों में दुनिया ने कोरोना महामारी को झेल रहा है, इसके बावजूद सुधार देखा जा रहा है. उन्होंने लिखा, जो मुझे पता है उसके आधार पर अभी आने वाले दिनों में दुनिया में कई नवाचार हो रहे हैं, हम आने वाले वर्षों में और भी अधिक प्रगति की आशा कर सकते हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version