आज से जूता-चप्पल पहनना महंगा, बीआईएस ने बदला नियम

BIS Changes Rules: बीआईएस की ओर से मानदंडों में बदलाव किए जाने के बाद इसके दायरे में करीब 42 आइटम्स आ जाएंगे. इनमें जूते, चप्पल और सैंडल प्रमुख रूप से शामिल हैं. हालांकि, बीआईएस का यह नया नियम सालाना 50 करोड़ रुपये से कम का कारोबार करने वाले निर्माताओं पर लागू नहीं होगा.

By KumarVishwat Sen | August 1, 2024 10:01 AM
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BIS Changes Rules: आम आदमी को महंगाई मार रही है. ऊपर से नियमों पर नियम भी लादे जा रहे हैं या फिर वे बदले जा रहे हैं. नियमों को लेकर सरकार की ओर से हर-हमेशा कोई न कोई दिशा-निर्देश जारी कर दिया जाता है, जिसका प्रभाव सीधे आम आदमी की जेब पर पड़ता दिखाई देता है. अब सरकार ने एक अगस्त 2024 से ऐसे नियम में बदलाव कर दिया है, जिससे आम आदमी को जूता-चप्पल पहनना भी महंगा हो गया. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आज एक अगस्त 2024 से ही बाजार में बिकने वाले जूते, चप्पल, और सैंडलों पर भारतीय स्टैंडर्ड ब्यूरो (बीआईएस) की ओर से जारी किया गया क्वालिटी कंट्रोल नियम लागू हो गया.

बीआईएस ने फुटवियर मानदंडों को किया सख्त

बीआईएस की ओर से जारी किए गए क्वालिटी कंट्रोल आदेश (क्यूसीओ) में कहा गया है कि एक अगस्त से फुटवियन निर्माताओं को नए मानकों का पालन करना होगा. आदेश में कहा गया है बीआईएस का मानदंड 1 अगस्त 2024 से लागू होगा. बीआईएस के आदेश में यह भी कहा गया है कि फुटवियर निर्माताओं को अब आईएस 6721 और आईएस 10702 के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा. यह दिशा-निर्देश कच्चे माल, मैन्युफैक्चरिंग और स्थायित्व पर जरूरी आवश्यकताओं को लागू होगा.

बीआईएस के मानदंडों का कीमतों पर पड़ेगा प्रभाव

बीआईएस की ओर से लागू किए गए नए मानदंडों का जूते, चप्पल और सैंडलों की कीमतों पर दिखाई देगा. इन मानदंडों को पालन करने के बाद इनकी उत्पादन लागत में बढ़ोतरी हो जाएगी, जिसके चलते बाजार में बिकने वाले जूते, चप्पल और सैंडलों की कीमतों में इजाफा हो जाएगा. हालांकि, जिन विक्रेताओं के पास पुराना स्टॉक है, वे पुराने दामों पर इनकी बिक्री कर सकते हैं, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी बीआईएस की आधिकारिक वेबसाइट पर रजिस्टर करानी होगी.

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बीआईएस के मानदंडों में आएंगे 42 आइटम्स

बीआईएस की ओर से मानदंडों में बदलाव किए जाने के बाद इसके दायरे में करीब 42 आइटम्स आ जाएंगे. इनमें जूते, चप्पल और सैंडल प्रमुख रूप से शामिल हैं. हालांकि, बीआईएस का यह नया नियम सालाना 50 करोड़ रुपये से कम का कारोबार करने वाले निर्माताओं पर लागू नहीं होगा. यह बात दीगर है कि बीआईएस के नए नियमों से उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ जाएगी, लेकिन उसकी कीमतों में भी बेतहाशा बढ़ोतरी होने की आशंका जताई जा रही है.

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