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बिटक्वाइन के संस्थापक सतोशी नाकामोतो के बारे में कितना जानते हैं आप?

Bitcoin Founder: 23 अप्रैल, 2011 को बिटक्वाइन के संस्थापक सतोशी नाकामोतो गायब हो गए. कई सिद्धांत उन्हें स्टीव जॉब्स से जोड़ता है, लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है.

By Samir Kumar | April 24, 2023 1:04 PM

Bitcoin Founder News: बारह साल पहले 23 अप्रैल, 2011 को बिटक्वाइन के संस्थापक सतोशी नाकामोतो गायब हो गए. कई सिद्धांत उन्हें स्टीव जॉब्स से जोड़ता है, लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है. बताते चलें कि दुनिया की पहली और आज के समय में सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बन चुकी बिटक्वाइन के निर्माता सतोशी नाकामोता को लेकर रहस्य बरकरार है.

सतोशी नाकामोतो कौन है?

सतोशी नाकामोतो कौन है और अब कहां है, इस बारे में कोई नहीं जानता. 31 अक्टूबर 2008 को सतोशी नाकामोतो ने क्रिप्टोग्राफरों के एक ग्रुप को 9 पेज का एक पेपर भेजा था. जिसमें बिटक्वाइन नाम के इलेक्ट्रॉनिक कैश के एक नए फॉर्म की रूपरेखा तैयार की गई थी. उस समय किसी को भी नाकामोतो की पहचान से कोई लेना-देना नहीं था. ग्रुप के ज्यादातर लोगों को बिटकॉइन के आइडिया पर ही संदेह था. रिपोर्ट के मुताबिक, हैल फिने, निक स्जाबो, डेविड चाउम और वेई दाई जैसे क्रिप्टोग्राफर और डेवलपर्स एक दशक से ज्यादा समय से कैश के इलेक्ट्रॉनिक वर्जन को डेवलप करने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि, वे सभी कई तरह के कारणों के चलते इसमें नाकाम रहे.

जानिए कब लॉन्च हुआ था बिटक्वाइन नेटवर्क

9 जनवरी 2009 को नाकामोतो ने बिटकॉइन नेटवर्क लॉन्च किया था. लगभग दो वर्षों तक जैसे-जैसे बिटकॉइन धीरे-धीरे बढ़ता गया, नाकामोतो ने मैसेज बोर्ड्स पर लिखा और डेवलपर्स के साथ निजी तौर पर ईमेल के जरिए बातचीत की. दिसंबर, 2010 में नाकामोतो ने सार्वजनिक रूप से पोस्ट करना बंद कर दिया और 2011 में डेवलपर्स के साथ बातचीत भी बंद कर दी. नाकामोतो ने एक सॉफ्टवेयर डेवलपर गेविन एंड्रेसन को इस प्रोजेक्ट की कमान सौंप दी थी. पब्लिक मैसेज में और यहां तक कि बाद में जारी किए गए पर्सनल मैसेज में भी नाकामोतो ने कभी भी किसी व्यक्तिगत बात के बारे में कोई जिक्र ही नहीं किया.

अब भी एक रहस्य बना हुआ है नाकामोतो

नाकामोतो ने न कभी अपने बारे में और न कभी मौसम के बारे में या स्थानीय स्तर पर होने वाली बातों या घटनाओं के बारे में कुछ भी नहीं कहा. जो भी बातचीत हुई, सिर्फ बिटकॉइन और उसके कोड लेकर ही की गई. नाकामोतो ने बातचीत के लिए दो ईमेल एड्रेस और एक वेबसाइट का इस्तेमाल किया. उन्हें रजिस्टर करने वाले की पहचान भी ब्लॉक कर दी गई थी. इसके बारे में कोई सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. जिस युग में गुमनाम रहना बेहद मुश्किल है, नाकामोतो अब भी एक रहस्य बना हुआ है. बताते चलें कि हाल के सालों में कई सरकारों ने बिटक्वाइन को अलग-अलग तरह से स्वीकार किया है. नाकामोतो को गायब हुए एक दशक से ज्यादा हो गया है. यह भी संभव है कि प्राइवेट की दिए बिना ही बिटक्वाइन के निर्माता की मौत हो गई हो. यह भी संभव है कि नाकामोतो से वो की गुम हो गई हों, इसलिए वो बिटक्वाइन को मूव नहीं कर सका.

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