झारखंड : 2000 रुपये के नोट वापस लेने के फैसले को बोकारो चेंबर ने सराहा, कहा- कालाधन के प्रवाह में लगेगा अंकुश
आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की है. इस घोषणा का बोकारो चेंबर ने सराहा. कहा कि इसके रोक से कालाधान के प्रवाह में अंकुश लगेगा. वहीं, बोकारो व्यवसायिक प्लॉटधारी वेलफेयर एसोसिएशन इसे नोटबंदी का ही एक अंग मानते हैं.
Jharkhand News: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की है. आरबीआई ने बैंकों को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये मूल्य वर्ग के बैंकनोट जारी करना बंद करें. जानकारी के मुताबिक, क्लीन नोट पॉलिसी के तहत आरबीआई ने यह फैसला लिया है. आरबीआई ने कहा है कि यह नोट 30 सितंबर तक कानूनी रूप से वैध रहेंगे. इस फैसले को बोकारो के व्यवसायिक संगठनों ने देशहित में उठाया गया कदम बताया.
कालाधन के प्रवाह पर लगेगा अंकुश
बोकारो चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के संरक्षक संजय वैद की माने, तो इस फैसले से कालाधन के प्रवाह पर अंकुश लगेगा. कालाधन जमा नहीं होगा. इस फैसले का कोई असर नहीं होगा, क्योंकि पिछले तीन-चार सालों से 2000 के नोट बहुत कम ही चलन में थे. 2000 रुपया नोट का कैश फ्लो बहुत ही कम था.
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यह फैसला नोटबंदी का हिस्सा
वहीं, बोकारो व्यवसायिक प्लॉटधारी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र विश्वकर्मा का कहना है कि यह फैसला नोटबंदी का ही एक अंग है. पिछले नोटबंदी में बाजार प्रवाह को संतुलित रखने के लिए 2000 का नोट चलन में आया था. अब चूंकि भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर है और लगातार बढ़ रही है इस कारण 2000 का नोट चलन से बाहर किया जा रहा है. फैसला राष्ट्रहित और जनहित में है. इससे काला धन पर अंकुश लगेगा.
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