Bournvita: बच्चों के बेहतर ग्रोथ और स्टेमिना का दावा करने वाली बॉर्नविटा के साथ सौ से ज्यादा कंपनियां अपना उत्पाद हेल्थ ड्रिंक्स बाजार और ई-कॉमर्स पर बेच रही हैं. मगर, अब सरकार के द्वारा इसपर सख्ती लगाया गया है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी करके सभी ई-कॉमर्स कंपनियों से कहा है कि वे अपनी वेबसाइट और प्लेटफॉर्म से बोर्नविटा सहित सभी पेय पदार्थों को ‘हेल्थ ड्रिंक’ की कैटेगरी से हटा दें. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के तहत गठित एक निकाय जांच में पाया गया है कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स कानून के तहत हेल्थ पेय डेफिनेशन नहीं है.
FSSAI ने भी दिया था आदेश
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) इसी से जुड़े मामले में सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को निर्देश दिया था कि वो अपने वेबसाइट पर बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थ को सही कैटेगरी में रखें. FSSAI ने कंपनियों को साफ कहा था कि बिक्री बढ़ाने के लिए वो किसी भी पेय पदार्थ के साथ हेल्थ ड्रिंक और एनर्जी ड्रिंक जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करें. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एनर्जी ड्रिंक और स्पोर्ट्स ड्रिंक के मार्केट का साइज 4.7 बिलियन डॉलर. ये साल 2028 तक इसके 5.71% की CAGR ग्रोथ के साथ इसके बढ़ने की उम्मीद है.
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क्या है नोटिफिकेशन जारी करने की वजह
NCPCR के चीफ प्रियंक कानूनगो के द्वारा कुछ वक्त पहले वाणिज्य मंत्रालय, राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश के कंज्यूमर अफेयर डिपॉर्टमेंट और FSSAI को एक पत्र लिखा गया था. इस चिट्ठी में उन्होंने अनुरोध किया था कि ड्रिंक और बेवरेज को हेल्थ ड्रिंक की श्रेणी में न बिकने दिया जाए. इसके बाद, विभाग की तरफ से एक्शन लिया गया है.
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