TCS Job Scam: दिग्गज आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने अपनी भर्ती प्रक्रिया में धोखाधड़ी के आरोपों का खंडन किया है. कंपनी ने नौकरियों के लिए रिश्वत मामले से जुड़ी मीडिया रिपोर्टों का जवाब दिया है. टीसीएस का कहना है कि हमने शिकायत में लगाए गए आरोपों की जांच की और पाया कि आरोपों में कंपनी द्वारा या उसके खिलाफ कोई धोखाधड़ी और वित्तीय प्रभाव शामिल नहीं है. ऐसे में कथित घोटाले से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स को सही नहीं कहा जा सकता है.
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि एक व्हिसलब्लोअर (Whistleblower) ने कंपनी के सीईओ और सीओओ को चिट्ठी लिखकर नौकरी घोटाले का खुलासा किया था. टीसीएस के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर और चीफ ऑपरेशन ऑफिसर को लिखी चिट्ठी में बताया कि कंपनी के एक सीनियर अधिकारी ने नौकरी देने के बदले स्टाफिंग फर्म्स से रिश्वत ली है. व्हिसलब्लोअर ने ये दावा किया कि टीसीएस में हायरिंग के बदले लोगों से रिश्वत लेने का काम कई सालों से लगातार चल रहा है.
इसके साथ ही मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा है कि आईटी दिग्गज कंपनी में हुआ ये घोटला कोई छोटा मोटा नहीं, बल्कि पूरे 100 करोड़ रुपये का है. हालांकि, इस बात की अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है. गौरतलब है कि टीसीएस के RMG के ग्लोबल हेड ईएस चक्रवर्ती साल 1997 से ही कंपनी के साथ हैं.
टाटा समूह की आईटी कंपनी टीसीएस भारतीय कॉरपोरेट जगत में सबसे ज्यादा नौकरियां मुहैया कराती है. टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या 2022 के अंत में 6.15 लाख थी. पिछले तीन साल में कंपनी ने करीब 3 लाख भर्तियां की हैं और इनमें से 50 हजार लोगों को तो हालिया कुछ महीने में काम पर रखा गया है. टीसीएस समेत लगभग सभी बड़ी आईटी कंपनियां या तो एम्पलॉई रेफरल प्रोग्राम के जरिए या स्टाफिंग फर्म के माध्यम से भर्तियां करती हैं.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.